सर्दी में गर्मी का अहसास (व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा)
कोई हमें बताएगा कि मोदी जी के विरोधियों को सर्दी में ही उनका विरोध करने की क्यों सूझती हैॽ एनआरसी के विरोध के नाम पर शाहीनबाग किया‚ सर्दियों में। किसान बार्डरों पर आकर जम गए‚ तो सर्दियों में। बल्कि किसान तो एक सर्दी में आए‚ तो अगली सर्दी भी आधी काटकर ही उठे। और अब बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री रोकने–दिखाने का झंझट हो रहा है‚ तो वह भी सर्दियों में। क्या मोदी जी ने तेल–वेल की कीमतें वाकई इतनी बढ़ी दी हैं कि विरोधियों को सर्दी में गर्मी के एहसास के लिए‚ हर सर्दी जिंदाबाद–मुर्दाबाद करना पड़ रहा है! लगता है कि मोदी जी के विरोध से वाकई गर्मी का एहसास तो होता है‚ तभी तो पट्ठे राहुल गांधी ने तो आधी बाजू के टी–शर्ट में ही इस बार की सर्दी निकाल दी है।
खैर! सर्दी से प्राण रक्षा के लिए हो तब भी‚ विरोधियों का सिर्फ विरोध के लिए मोदी जी का विरोध करना तो सही नहीं है। आखिर‚ विरोध का भी कुछ तो सिद्धांत होना चा...