Friday, April 19

Tag: ek baar mauka de de mola

वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक,,,,एक बार मौका दे दे मोला , कोसा के लुगरा पहनाहूँ तोला – भारतखंडे आर्यावर्ते पंडरिया क्षेत्रे कुर्सी पुराणे तृतियो अध्यायः मित्रों अब तो आप मेरा इशारा समझ गए होंगे, क्योंकि आप बेहद अक्ल व हुनरमंद और होशियार भी हैं। कुर्सी दौड़ में लगी दीदी और भांटो से जनता भले ही नाराज है
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वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक,,,,एक बार मौका दे दे मोला , कोसा के लुगरा पहनाहूँ तोला – भारतखंडे आर्यावर्ते पंडरिया क्षेत्रे कुर्सी पुराणे तृतियो अध्यायः मित्रों अब तो आप मेरा इशारा समझ गए होंगे, क्योंकि आप बेहद अक्ल व हुनरमंद और होशियार भी हैं। कुर्सी दौड़ में लगी दीदी और भांटो से जनता भले ही नाराज है

  चन्द्र शेखर शर्मा (पत्रकार) 9425522015 कुर्सीनामा - 3 एक बार मौका दे दे मोला , कोसा के लुगरा पहनाहूँ तोला - भारतखंडे आर्यावर्ते पंडरिया क्षेत्रे कुर्सी पुराणे तृतियो अध्यायः मित्रों अब तो आप मेरा इशारा समझ गए होंगे, क्योंकि आप बेहद अक्ल व हुनरमंद और होशियार भी हैं। कुर्सी दौड़ में लगी दीदी और भांटो से जनता भले ही नाराज है किन्तु दीदी अपनी कुर्सी बचाने जी जान से जुटी है । अब कुर्सी चीज ही ऐसी है कि बचाये रखना रुतबा ए रुआब के लिए जरुरी भी है । खैर भांटो के हस्तक्षेप से परेशान जनता की नारजगी से जूझती दीदी की ममता से दूर कार्यकर्ता नए रहनुमा तलाशते फिर रहे है । कुर्सी दौड़ में सम्मान और स्वेच्छानुदान के सहारे कुर्सी बचाने में लगी दीदी भी आजकल महिला सम्मान के बहाने "एक बार मौका दे दे मोला , कोसा के लुगरा पहनाहू तोला । " गाने में मस्त है । छत्तीसगढ़ में चुनाव को भले ही अभी लगभग 10 महीने...