*नो हार, ओन्ली जीत!* *(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)*
डैमोक्रेसी को अपने नागपुरी भाई पहले ‘‘मुंड गणना’’ गलत नहीं कहते थे! छोटे-बड़े, ऊंचे-नीचे, अच्छे-बुरे और यहां तक कि महान और मामूली तक का, कोई ख्याल ही नहीं है। सिर्फ और सिर्फ गिनती का भरोसा। अब बताइए! मोदी जी गुजरात में रिकार्ड बना रहे हैं। रिकार्ड सिर्फ बना ही नहीं रहे हैं, खुद अपने बनाए रिकार्ड तुड़वा के भी बना रहे हैं। नरेंद्र का रिकार्ड भूपेंद्र से तुड़वाने के लिए खुद नरेंद्र भाई जी–जान लड़ा रहे हैं। पर ऐसे अद्ïभुत, अकल्पित, दिव्य दृश्य से अभिभूत होकर, अपना जन्म धन्य मानने और मोदी-मोदी पुकारने के मौके पर भी, ये डैमोक्रेसी-डैमोक्रेसी करने वाले गिनती लेकर बैठे हुए हैं। कहते हैं, सिंपल है। दो राज्य, एक नगर निगम, चुनाव कुल तीन, और तीनों में भगवाई सरकार। दो सरकारें निकल गयीं, बच गयी एक! तीन में से बचा सिर्फ एक; एक के ही बचने पर वाह-वाह कैसे करें!
पर बात सिर्फ गिनती के मैदान तक ...