Thursday, March 28

वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक,,,,एक बार मौका दे दे मोला , कोसा के लुगरा पहनाहूँ तोला – भारतखंडे आर्यावर्ते पंडरिया क्षेत्रे कुर्सी पुराणे तृतियो अध्यायः मित्रों अब तो आप मेरा इशारा समझ गए होंगे, क्योंकि आप बेहद अक्ल व हुनरमंद और होशियार भी हैं। कुर्सी दौड़ में लगी दीदी और भांटो से जनता भले ही नाराज है

 
चन्द्र शेखर शर्मा (पत्रकार) 9425522015

कुर्सीनामा – 3
एक बार मौका दे दे मोला , कोसा के लुगरा पहनाहूँ तोला –
भारतखंडे आर्यावर्ते पंडरिया क्षेत्रे कुर्सी पुराणे तृतियो अध्यायः
मित्रों अब तो आप मेरा इशारा समझ गए होंगे, क्योंकि आप बेहद अक्ल व हुनरमंद और होशियार भी हैं। कुर्सी दौड़ में लगी दीदी और भांटो से जनता भले ही नाराज है किन्तु दीदी अपनी कुर्सी बचाने जी जान से जुटी है । अब कुर्सी चीज ही ऐसी है कि बचाये रखना रुतबा ए रुआब के लिए जरुरी भी है । खैर भांटो के हस्तक्षेप से परेशान जनता की नारजगी से जूझती दीदी की ममता से दूर कार्यकर्ता नए रहनुमा तलाशते फिर रहे है । कुर्सी दौड़ में सम्मान और स्वेच्छानुदान के सहारे कुर्सी बचाने में लगी दीदी भी आजकल महिला सम्मान के बहाने “एक बार मौका दे दे मोला ,
कोसा के लुगरा पहनाहू तोला । ”
गाने में मस्त है ।
छत्तीसगढ़ में चुनाव को भले ही अभी लगभग 10 महीने बाकी हैं किन्तु नेता कुर्सी दौड़ में जुट चुके है । दीदी की टिकट कटने की उम्मीद लगाए बैठे भूत और वर्तमान अध्यक्ष के अलावा युवा तुर्क भी कुर्सी तुकने में लगे है वही पंडरिया में महराज की एंट्री , कार्यक्रम और दनादन दौरे दीदी के सपने को स्वाहा करने वाला दिखने लगा है । कांग्रेसियों की आपसी खींच तान आडिओ सीडी के खेल के बीच भाजपाई पंडरिया को फोकट में अपनी झोली में आ गिरने के ख्वाब में डूब मस्त है। भावना अपनी कथित समाज सेवा के बहाने पैठ बना विधानसभा जाने का रास्ता तलाश रही है तो रानी आकांक्षा सिंग आप की टोपी पहन सबके सपनो पर झाड़ू फेरने की फिराक में है । बढ़ती ठंड के साथ पार्टी , नेताओं व कार्यकर्ताओं में भी गर्मी बढ़ती जा रही है ,बस गर्मी गर्मी का अंतर है किसी को नोट की गर्मी तो किसी को जनता द्वारा दुत्कारे जामे पर बढ़ते ब्लड प्रेशर की गर्मी । चुनाव नजदीक आते आते वोटर रूपी देवता के चरणों मे नेता रूपी भक्तों का दंडवत होना आम भी है ।
काफी दिनों से गायब गोबरहिंन टुरी अचानक घर आ दीदी ओ दीदी की आवाज लगाती गुनगुनाते खड़ी थी –
” ऐ बेमेतरा वाले भांटो दिलदार हाबे गा ,
हमर बहिनी ले ज्यादा ओला प्यार हाबे ना ।
सोना चांदी में हमर दीदी लदाये ,
भागमानी पति ला पाए ।
दीदी रेखा त भांटो अमिताभ हाबे गा ,
हमर बहिनी ले ज्यादा प्यार हाबे ना ”
उसकी गुनगुनाहट को सुन पूछ बैठा का बात है आज तो अब्बड़ खुश हस गोबरहिंन तहु ल कोसा के लुगरा मिलगे का , शरमा के कहने लगी ए दारी चुनाव में जउन मिलहि तेन मिलहि अभी तो गोबर योजना ले मोला हमर गोसइयाँ कोसा के लुगरा देवत हावय त खुश काबर नई होबो ।
और अंत में :-
तुम भी किसी को लूटने के लायक हो जाओ ,
अजी छोड़ो ये शराफत तुम विधायक हो जाओ ।
#जय_हो 15 दिसम्बर 2022 कवर्धा (छत्तीसगढ़)

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