बीजिंग। कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित चीन ने एक बार फिर दावा किया है कि यह घातक वायरस दुनियाभर में चीन से नहीं बल्कि अमेरिका से फैला है। उसने आशंका जताई है कि चीनी शहर वुहान में इसके संक्रमण के पीछे अमेरिकी सेना का हाथ हो सकता है।
कोरोना के संक्रमण की सबसे पहले पुष्टि चीन के हुबेई प्रांत में हुई थी। हुबेई की राजधानी वुहान इस वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियन झाउ ने गुरुवार को दावा किया कि कोरोना वायरस अमेरिका में जन्मा और हो सकता है कि वुहान में इसे लाने के पीछे अमेरिकी सेना हो।
उन्होंने अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के निदेशक रॉबर्ट रेडफील्ड का एक वीडियो भी ट्वीट किया। जिसमें वे कथित तौर पर मान रहे हैं कि फ्लू से कुछ अमेरिकी मरे थे लेकिन मौत के बाद पता चला कि वे कोरोना संक्रमित थे। रेडफील्ड ने अमेरिकी संसद की समिति के सामने बुधवार को यह स्वीकार किया।
ट्रंप से मिले ब्राजीलियाई प्रवक्ता संक्रमित
ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो के संचार प्रमुख कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। सरकार ने गुरुवार को बताया कि उन्होंने इस सप्ताहांत अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी।
ब्राजीलियाई राष्ट्रपति और उनके साथ गए सभी स्टाफ जिन्होंने मंगलवार से शनिवार के बीच अमेरिका की यात्रा की थी, वे निगरानी में हैं। सरकार के प्रमुख प्रवक्ता फैबियो वाज्नगार्टन ने शनिवार को इंस्टाग्राम पर ट्रंप के साथ मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा था कि फिर से ब्राजील को महान बनाएं।
कनाडा के प्रधानमंत्री घर से काम करेंगे
उधर, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रिडियू और उनकी पत्नी ने खुद के पृथक रहने की गुरुवार को घोषणा की। ट्रिडियू की पत्नी में फ्लू जैसे लक्षण सामने आने और कोरोना वायरस की जांच होने के मद्देनजर दंपत्ति ने यह फैसला लिया।
सोफी ग्रीगोइरे ट्रिडियू बुधवार को ब्रिटेन से लौटी थीं और उनमें कोरोना वायरस से संक्रमण जैसे लक्षण दिखे थे, जिसके बाद प्रधानमंत्री ने एहतियात के तौर पर घर से ही निर्देश देने और फोन एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक करने का फैसला लिया। ट्रिडियू ने कनाडा के प्रांतीय और क्षेत्रीय नेताओं के साथ ओटावा में होने वाली बैठक स्थगित कर दी है।