चंडीगढ़। कांग्रेस नेता एवं पंजाब के कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में उनकी पार्टी हारी नहीं है, क्योंकि उसकी सीटें 2015 की भांति ही शून्य बनी हुई हैं, दरअसल यह तो भाजपा की हार है। उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव मतगणना के नतीजों का जिक्र करते हुए कहा कि हम पहले शून्य थे, और अब भी शून्य हैं। इसलिए यह हमारी हार नहीं है। यह भाजपा की हार है।
मतगणना के नतीजों में दिल्ली चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिल रही है। कांग्रेस ने 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी एक भी सीट नहीं जीती थी। इस बीच, पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप के प्रदर्शन को नफरत और गंदी राजनीति पर विकास के एजेंडे की जीत करार दिया।
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा में 19 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। चीमा ने ट्वीट कर कहा कि आम आदमी पार्टी के पक्ष में इस भारी जनादेश के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और दिल्ली के लोगों को बधाई। यह नफरत और गंदी राजनीति पर विकास के एजेंडे की जीत है।
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है और कुल हुए मतदान में से पार्टी को पांच फीसदी से भी कम वोट मिले हैं। कांग्रेस के 63 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में दिल्ली में 15 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है।
पार्टी के तीन उम्मीदवार गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली, बादली से देवेंद्र यादव और कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त ही अपनी जमानत बचा पाए हैं। यदि किसी उम्मीदवार को निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वैध मतों का छठा भाग नहीं मिलता है, तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है।