मुख्यमंत्री श्री चौहान स्थापना उत्सव में योजना की पहली किश्त का करेंगे वितरण
लाड़ली लक्ष्मी पथ और लाड़ली लक्ष्मी वाटिका का लोकार्पण भी होगा
श्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश स्थापना उत्सव में 2 नवम्बर को लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 का क्रियान्वयन शुरू करेंगे। रविन्द्र भवन में अपरान्ह 3 बजे होने वाले लाड़ली लक्ष्मी समारोह में 1437 लाड़ली बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए पहली किश्त 12 हजार 500 रूपये की प्रोत्साहन राशि का वितरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 में लाड़ली लक्ष्मी बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए दो किश्तों में 25 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। इसी दिन मुख्यमंत्री श्री चौहान ‘लाड़ली लक्ष्मी पथ’ और ‘लाड़ली लक्ष्मी वाटिका’ का लोकार्पण भी करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बेटी को बोझ नहीं वरदान बनाने की मंशा के साथ वर्ष 2007 में लाड़ली लक्ष्मी योजना में शुरू की गई। आज से 15 साल पहले शुरू हुई इस अनूठी पहल ने पूरे देश में बेटियों के प्रति एक नई सोच विकसित की। अनेक राज्यों ने म.प्र. की इस योजना को अपनाया। योजना की शुरूआत हुए आज 15 साल से अधिक वर्ष हो गये हैं। शुरूआती दौर में हमारी जो बेटियाँ लाड़ली लक्ष्मी बनी थी, उनकी 12वीं तक की शिक्षा का प्रावधान योजना के प्रथम चरण में रखा गया था। आज वे 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर उच्च शिक्षा प्राप्त करने की ओर अग्रसर हैं। इन बेटियों के उज्ज्वल भविष्य और आत्म-निर्भरता के लिये ही लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 शुरू की गई है।
‘लाड़ली लक्ष्मी वाटिका और लाड़ली लक्ष्मी पथ’
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस आयोजन श्रंखला में 2 नवबंर को पूरे प्रदेश में ‘लाड़ली लक्ष्मी वाटिका’ और ‘लाड़ली लक्ष्मी पथ’ का लाकार्पण में होगा। भोपाल में हो रहे राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान सुबह 10:30 बजे स्मार्ट सिटी पार्क में ‘लाड़ली लक्ष्मी वाटिका’ का लोकार्पण करेंगे। प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी वाटिका को थीम बेस्ड वाटिका के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस वाटिका का उपयोग लाड़ली बालिकाओं के जन्मोत्सव अथवा उनसे संबंधित अन्य कार्यक्रमों में भी किया जा सकेगा। वाटिका में ‘लाड़ली लक्ष्मी वाटिका’ अंकित करते हुए पट्टिका के साथ लाड़ली लक्ष्मी का लोगो भी लगाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि जिले के ऐसे एक मार्ग का नाम ‘लाड़ली लक्ष्मी पथ’ के रूप में रखा जाये, जिस पथ का पूर्व में अन्य किसी और नाम से नामकरण न हुआ हो। ऐसे पथ के दोनों और पर्याप्त संख्या में साईनेज लगाए जाएँ, जिनमें लाड़ली लक्ष्मी पथ का लोगो भी अंकित हो।