Friday, April 19

वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक, करो योग रहो निरोग” स्लोगन कुछ सुना सुना सा लगता है

। अरे हाँ याद आया ये वही स्लोगन है जो सरकारी पुस्तक के किसी पन्ने में और विश्व योग दिवस के दिन दिखाई सुनाई पड़ता है । अब ये एक दिवसीय योगा कभी भाजपाई, कभी कांग्रेसी होता है मतबल जिसकी सरकार उसका योग । एक दिवसीय योग देश को कैसे चुस्त तंदरुस्त रखेगा ये समझ से परे है परंतु इस योग और इसके आयोजन की आड़ में होने वाले खेल में कईयों की गजब की पाचन शक्ति का पता चल जाता है जो प्रतिभागियों के हिस्से का चना, बिस्किट, चाय ,टी शर्ट ,टोपी ,दरी सब पचा जाते है वो भी बिना डकार मारे जो योग के एक प्रकार चापलूसी योग से ही संभव है । योगा का इतना तो असर होगा ही कि हाजमा तगड़ा रहे ।
करो योग रहो निरोग । वैसे अब नेता बेचारा करे भी तो क्या करे , उसे जिस काम के लिए जनता ने चुना है वो वही काम तो पहले करेगा , बाद में दूसरा काम। हम सरकार बनाते भी है तो मंदिर मस्जिद , राफेल राफेल , चौकीदार चोर है , सर्जिकल स्ट्राइक , कर्ज माफी , बिजली बिल हाफ , मुफ्त की सालाना आय , हिन्दू मुस्लिम जैसे मुद्दों को लेकर । हमने कभी सरकार शिक्षा , स्वास्थ्य , बिजली ,पानी , सड़क के लिए बनाई ही नही , फिर किस मुंह से बेहतर स्वास्थ्य , शिक्षा , बिजली को लेकर टकटकी लगाए बैठे है । साल के 72 हज़ार डालो खीसे में , मुफ्त की बिजली जलाओ , कर्ज माफी करवाओ । जब वोट ही मुफ्तखोरी की योजनाओं , मंदिर मस्जिद को ले कर दिया है तो फिर इतनी चिल्लम पों क्यो । खद्दरधारी का क्या उसका इलाज तो सरकारी खर्चे पर अमेरिका में हो जाएगा । वैसे इस देश मे जनता जनार्दन की औकात राजा सरीखी सिर्फ वोट डालने तक रहती है उसके बाद तो कीड़े मकोड़े सरीखी हो जाती है । नेताओ को लेकर चल रही चर्चा में गोबरहिंन टुरी से पूछ बैठा कैसे गोबरहिंन ये नेता लोग सफेद कपड़े ही क्यों पहनते है ? वो हँसते हुए कहने लगी महराज जनता उनके सामने मुर्दा सरीखी है और हमारे यहां मुर्दे के सामने सफेद कपड़े पहन कर जाया जाता है ।
और अंत मे :-
समय समय की बात है, समय समय का योग,
सिक्कों में तुलने लगे दो कौड़ी के लोग ।
#जय_हो 20 जून 2023 कवर्धा (छत्तीसगढ़)

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