गणतंत्र दिवस विशेषांक; व्यक्तितंत्र, पूँजीतन्त्र, लट्ठतंत्र, भीड़तंत्र, धर्मतंत्र और राजतंत्र नहीं बल्कि लोकतंत्र (गणतंत्र) है देश की हर नागरिक और उनके सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक (लेख एच. पी. जोशी)
मेरे प्यारे बुद्धजीवी देशवासियों सबसे पहले मैं हुलेश्वर जोशी आपको गणतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूँ।
मेरे प्यारे देशवासियों आपको ज्ञात होनी चाहिए कि 26 जनवरी 1950 न सिर्फ अंग्रेजों से आज़ादी उपरांत स्वतंत्र भारत के द्वारा लोकतांत्रिक देश की दर्जा प्राप्त करने और अपनी ख़ुद की संविधान बनाकर उसे अंगीकृत और आत्मार्पित करने का दिन है वरन देश से व्यक्तितंत्र, पूँजीतन्त्र, लट्ठतंत्र, भीड़तंत्र, धर्मतंत्र और राजतंत्र को भी समाप्त करने तथा इन अमानवीय तंत्रों की संभावनाओं को भी काल्पनिक प्रमाणित कर देने का दिन है।
जैसा कि हमें ज्ञात है 26/01/1950 को स्वतंत्र भारत के अनुभवी और बुद्धजीवी लोगों द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में प्रत्येक भारतीय नागरिकों के मध्य भाईचारा और समानता की स्थापना के लिए समुचित न्यायिक प्रक्रियाओं और मौलिक अधिकारों का ग्रंथ 'भारतीय संविधान' तैय...