कोरबा 02 दिसंबर 2024/ अनुसूचित जिले में शिक्षा के महत्व को ध्यान रखकर जिले के कलेक्टर श्री अजीत वसंत द्वारा मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर बेहतर शैक्षणिक माहौल विकसित करने की दिशा में पहल की जा रही है। इसी कड़ी में कलेक्टर ने दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के आवास की कमी और आवास नहीं होने से विद्यालय आने में हो रही समस्याओं को ध्यान रखकर डीएमएफ से 20 रेसिडेंशियल हॉस्टल (शिक्षक आवास) स्वीकृत किए हैं। इसके लिए पीडब्ल्यूडी एवं आरईएस को एजेंसी नियुक्त करते हुए 09 करोड़ 12 लाख 90 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। स्कूल के समीप आवास बनने के पश्चात् दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षक नियमित रूप से अपनी उपस्थिति दे पाएंगे। इससे विद्यालयों में शिक्षा का स्तर भी बेहतर होगा।
कलेक्टर श्री वसंत ने जिला खनिज संस्थान न्यास से जिले के पोड़ी-उपरोड़ा, कोरबा, पाली, करतला ब्लॉक अंतर्गत दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों में अध्यापन कराने वाले शिक्षकों के आवास की कमी को देखते हुए 20 रेसिडेन्शियल हॉस्टल की स्वीकृति प्रदान की है। इन रेसिडेन्शियल हॉस्टलों में नजदीकी क्षेत्र के विद्यालयों में अध्यापन कराने वाले शिक्षक रूक पाएंगे। उन्होंने कोरबा विकासखण्ड के संकुल श्यांग, संकुल अजगरबहार, संकुल लेमरू, संकुल कुदमुरा, करतला विकासखण्ड अंतर्गत संकुल बरपाली, संकुल करतला, संकुल कोरकोमा, संकुल रामपुर, कटघोरा विकासखण्ड अंतर्गत संकुल रंजना, संकुल कटघोरा में रेसिडेन्शियल हॉस्टल का निर्माण कार्य हेतु 10 स्थानों पर ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को एजेंसी नियुक्त करते हुए प्रत्येक संकुलों के लिए राशि 4169000 के मान से प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है।
इसी तरह लोक निर्माण विभाग को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त करते हुए कलेक्टर ने पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड अंतर्गत संकुल पसान, संकुल मोरगा, संकुल जटगा, संकुल कोरबी तथा पाली विकासखण्ड के संकुल जेमरा, संकुल तिवरता, संकुल उतरदा, संकुल चोढ़ा, संकुल सिल्ली और संकुल सपलवा में रेसिडेन्सियल हॉस्टल के निर्माण हेतु प्रत्येक के लिए अलग-अलग 49 लाख 60 हजार के मान से प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है।
कलेक्टर श्री वसंत ने शासकीय नवीन महाविद्यालय पाली में यहां की आवश्यकताओं को देखते हुए 01 करोड़ 14 लाख 70 हजार रूपए की लागत से ऑडिटोरियम निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। ऑडिटोरियम बनने से महाविद्यालय में विभिन्न सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित हो पाएगी।