श्री सुरेश्वर महादेव पीठ में आयोजित श्रीमद् भागवत मैं मैं भागवत आचार्य श्री कामता प्रसाद जी तिवारी जी के मुखारविंद से व्याख्यान हुआ की आज भागवत के तृतीय दिवस पर सृष्टि का वर्णन हिरण्याक्ष वध कपिल देव कपिलदेव हूती संवाद ध्रुव चरित्र अजामिल का उद्धार करते हुए उन्होंने यह कहा
नागो भाति मदेन कं जलरुहैः पूर्णेन्दुना शर्वरी
वाणी व्याकरणेन हंसमिथुनै र्नद्यः सभा पण्डितैः ।
शीलेन प्रमदा जवेन तुरगो नित्योत्सवै र्मन्दिरम्
सत्पुत्रेण कुलं नृपेण वसुधा लोकत्रयं धार्मिकैः ॥
हाथी मद से, पानी कमल से, रात्रि पूर्ण चाँद से, वाणी व्याकरण से, नदियाँ हंस और हंसीयों से, सभा पंडितों से, प्रमदा शील से, घोडा वेग से, मंदिर नित्य उत्सवों से, कुल सत्पुत्र से, और पृथ्वी राजा से शोभायमान होती है!
वैसे ही तीनों लोक धार्मिक लोगों से सुशोभित हैं।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्वामी राजेश्वरानंद जी के सानिध्यता में अध्यक्ष मनोज कुमार अग्रवाल उर्फ मोनू,श्री सचिदानद जी उपासने उमाकांत मिश्रा,अनूप मसनद देवू दत्ता राकेश धोत्रे पूर्व पार्षद,घनश्याम शर्मा प्रेम चंद लुनावतश्री सत्यनारायण तिवारी जी भागवताचार्य अक्षत कुमार नागेन्द्र शर्मा आदि भक्तों की उपस्तिथि रही
Respect and prayers