बाबा सिद्दीकी मर्डर: आरोपी बहराइच से गिरफ्तार, हत्या के बदले 10 लाख रुपए देने का था वादा

लखनऊ । एनसीपी अजित पवार गुट के कद्दावर नेता और महाराष्‍ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की मुंबई में सरेआम हत्‍या ने पुलिस-प्रशासन को हिलाकर रख दिया। इस मर्डर की जिम्‍मेदारी लॉरेंस बिश्‍नोई गैंग ने ली है। बिश्‍नोई गैंग के मुख्य आरोपी, शार्प शूटर शिव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में शिव कुमार ने कई खुलासे किए। बिश्‍नोई गैंग में शामिल होने की बात कबूल करते हुए शिव कुमार ने बताया कि बाबा सिद्दीकी की हत्‍या के बदले उसने 10 लाख रुपये देने का वादा किया गया था। इसके बाद हर महीने कुछ न कुछ रकम देने की बात कही गई थी। वह नेपाल भागने की फिराक में था। लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
यूपी पुलिस की पूछताछ में शिव कुमार ने खुलासा किया की विदेश में बैठे अनमोल बिश्नोई के इशारे पर इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। अनमोल बिश्नोई से उसकी बात शुभम लोनकर ने करवाई थी। शिव कुमार का कहना है कि वह और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं। वह पुणे में स्क्रैप का काम करता था। उसका और शुभम लोनकर की स्क्रैप की दुकान अगल-बगल थी। शुभम गैंगस्‍टर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करता है। शिव का दावा है कि शुभम ने ही उसकी बात स्नैपचैट के माध्यम से लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से कई बार कराई थी।
शिव ने आगे बताया कि हत्या के लिए हथियार, कारतूस, सिम कार्ड और मोबाइल फोन शुभम लोनकर और यासीन अख्तर ने मुहैया कराया था। हत्या के बाद आपस में बात करने के लिए तीनों को नया सिम कार्ड और मोबाइल फोन दिए गए थे। पिछले कई दिनों से वे लोग मुंबई में बाबा सिद्दीकी की रेकी कर रहे थे और 12 अक्‍टूबर को सही समय मिलने पर बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी। उस दिन त्‍योहार होने के कारण पुलिस और भीड़भाड़ भी थी, जिसके कारण दो लोग मौके से पकड़ लिए गए थे और शिव कुमार फरार हो गया था।
शिव ने बताया कि उसने रास्‍ते में ही अपना फोन फेंक दिया था। वह मुंबई से पुणे चला गया था, फिर पुणे से झांसी और लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंचा। इस दौरान वह दूसरों से फोन मांगकर अपने साथियों और हैंडलर्स से बात करता था। शिव कुमार ने बताया कि अनुराग कश्यप से उसने ट्रेन में बात की थी। अनुराग ने उसे बताया कि अखिलंदर, ज्ञान प्रकाश और आकाश ने मिलकर उसके नेपाल में छिपने की व्यवस्था कर दी है। शिव कुमार इसलिए ही बहराइच आया था और अपने साथियों के साथ मिलकर नेपाल भागने के फिराक में था, लेकिन वी वह भाग पाता इससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

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