भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम में प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ
New Delhi (IMNB). मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अन्नपूर्णा देवी जी, राजकुमार रंजन सिंह जी, सुभाष सरकार जी, देश के विभिन्न भागों से आए शिक्षकगण, सम्मानित प्रबुद्धजन, और देशभर से जुड़े मेरे प्यारे विद्यार्थी दोस्तों।
ये शिक्षा ही है, जिसमें देश को सफल बनाने, देश का भाग्य बदलने की सर्वाधिक जिसमें ताकत है, वो शिक्षा है। आज 21वीं सदी का भारत, जिन लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है, उसमें हमारी शिक्षा व्यवस्था का भी बहुत ज्यादा महत्व है। आप सभी इस व्यवस्था के प्रतिनिधि हैं, ध्वजवाहक हैं । इसलिए ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ का हिस्सा बनना, मेरे लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है।
मैं मानता हूं, विद्या के लिए विमर्श जरूरी होता है। शिक्षा के लिए संवाद जरूरी होता है। मुझे खुशी है कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम के इस सत्र के जरिए हम विमर्श और विचार की अपनी परंपरा को और आगे बढ़ा र...