कमिश्नर ने कहा कि फसल कटाई के बाद पशुओं की मैदान में छोड़ने की संभावना है उसके लिए भी आवश्यक तैयारी रखें। उन्होंने आवारा पशुओं के नियंत्रण हेतु समय-सीमा की बैठक में भी समीक्षा करने के निर्देश दिए। साथ ही समतल स्थल में लाईट की व्यवस्था करने तथा पशु उपचार हेतु संचालित गाड़ी को चिन्हाकित स्थल पर जाकर पशुओं का स्वास्थ्य जांच करने कहा। कमिश्नर ने जिलों में आवारा पशुओं के नियंत्रण हेतु अच्छे काम करने वाले पंचायतों को प्रोत्साहित करने हेतु सम्मानित किए जाने कहा। आवारा एवं घुमन्तुक पशुओं के नियंत्रण के लिए स्थाई समाधान की पहल करते हुए कांजी हाऊस की क्षमता बढ़ाने और प्राईवेट संस्था के गौ-शाला संचालकों से सम्पर्क कर पशु नियंत्रण पर जिलों में काम करवाने के लिए कार्य करें। गौ अभ्यारण के लिए जमीन चिन्हाकन कर प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें। काऊ केचर की संख्या बढ़ाया जाए टेªफिक पुलिस के साथ समन्वय कर दुर्घटना जन्य क्षेत्र का चिन्हाकन करें। कमिश्नर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में बस्तर ओलम्पिक में अंदरूनी क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को जोडे़ साथ ही क्लस्टर लेवल पर खेल गतिविधियों में सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने कहा। कार्यक्रम की सम्पूर्ण जानकारी सहित सभी प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधी को आमंत्रित किया जाए। इस अवसर पर कलेक्टर श्री हरिस एस, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री प्रतिष्ठा ममगाई, आयुक्त नगर निगम श्री हरेश मण्डावी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जगदलपुर 28 अक्टूबर 2024/ कमिश्नर श्री डोमन सिंह ने आवारा एवं घुमन्तुक पशुओं के नियंत्रण हेतु जिलों में की गई कार्यवाही की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने आवारा एवं घुमन्तुक पशुओं के नियंत्रण के लिए हाईकोर्ट के निर्देशानुसार कार्यवाही कर पालन प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में आवारा एवं घुमन्तुक पशुओं के कितने स्थानों का चिन्हाकंन किया गया है, जिले में कितने पशुओं में रेडियम पट्टी लगाया गया है, सड़क के किनारे समतल एवं सूखे कितने स्थान का चिन्हांकन किया गया है, घुमन्तुक पशुओं के मालिकों को समाझाईश के लिए कितने समिति का गठन किया गया है, कितने जन चैपाल के माध्यम से पशु मालिकों को समझाईस दी गई है, नोडल अधिकारी के नाम उनके संपर्क नम्बर एवं हेल्पलाईन का नम्बर जारी करने, घुमन्तुक पशुओं के लिए शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में कितने-कितने कांजी हाऊस की व्यवस्था की गई है, जिलें में गौशाला की संख्या एवं पशु रखे जाने की क्षमता, गौ-अभ्यारण, जिले में उपलब्ध काउ केचर की स्थिति, ग्राम पंचायत में ग्राम सभा के माध्यम से पशु मालिकों को जागरूकता के लिए समझाईश, अर्थदण्ड की कितनी राशि वसूल की गई और पशुओं के कारण दुर्घटना की स्थिति की समीक्षा की गई। संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर और प्रभारी अधिकारियों ने जिलों में की गई कार्यवाही से अवगत करवाया।