अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पोर्न स्टार: क्या है ट्रंप और डेनिएल्स की कहानी

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और स्टेफ़नी क्लिफ़ोर्ड

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आशंका जताई है कि साल 2016 में पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनिएल्स को एक लाख तीस हज़ार डॉलर का भुगतान करने के मामले में उन्हें गिरफ़्तार किया जा सकता है.

इस मामले में आगे क्या होगा, यह न्यू यॉर्क सिटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एल्विन ब्राग पर निर्भर करेगा.

लेकिन अगर ट्रंप पर आपराधिक मामला दर्ज होता है, तो वह गिरफ़्तार होने वाले पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे.

उन्होंने आरोपों का खंडन किया है. इस मामले में अब तक क्या-क्या मालूम है, आइए जानते हैं…

स्टॉर्मी डेनिएल्स कौन हैं?

स्टॉर्मी डेनिएल्स का असली नाम स्टेफ़नी क्लिफ़ोर्ड है जिनका जन्म लुइसियाना में 1979 में हुआ था.

उन्होंने पहले पॉर्न फ़िल्म इंटस्ट्री में अभिनेत्री के तौर पर काम करना शुरू किया था. साल 2004 के बाद से वह राइटर और डायरेक्टर के तौर पर भी काम करने लगीं.

स्टेज़ परफॉर्मर के लिए उनके नए नाम के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है.

उनके नाम में स्टॉर्मी शब्द मशहूर अमेरिकी बैंड मोत्ले क्रीयू के बेस गिटारिस्ट निक्की सिक्स की बेटी स्टॉर्म से लिया गया है जबकि डेनिएल्स, अमेरिकी व्हिस्की ब्रांड जैक डेनिएल्स से लिया गया है.

अमेरिका के दक्षिणी हिस्से से आने वाली क्लिफ़ोर्ड ने इस व्हिस्की का एक विज्ञापन देखा था जिसमें दावा किया था कि ‘ये दक्षिणी अमेरिका में रहने वाले लोगों की पसंदीदा ड्रिंक है’.

हालांकि, द 40-ईयर ओल्ड वर्जिन और कॉनक्ड अप जैसी फ़िल्मों में कैमियो रोल और पॉप बैंड मैरून फाइव के म्यूज़िक वीडियो के गाने वेक अप कॉल ने उन्हें थोड़ी लोकप्रियता दिलाई.

साल 2010 में लुइसियाना से वे अमेरिकी सीनेट के लिए उम्मीदवारी की होड़ में थीं.

हालांकि, बाद में वह ये कहते हुए वे रेस से अलग हो गईं कि उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है.

 

स्टॉर्मी डेनिएल्स

ट्रंप पर क्या आरोप लगाया?

 इस मामले की शुरुआत जुलाई, 2006 में होती है तब तक ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की दिशा में गंभीर प्रयास शुरू नहीं किए थे.

डेनिएल्स के दावे के मुताबिक, ट्रंप से उनकी मुलाक़ात कैलिफ़ोर्निया और नेवादा के बीच स्थित तोहे झील में होने वाले चैरिटी गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान हुई थी.

साल 2011 में ‘इन टच वीकली’ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि ट्रंप ने उन्हें डिनर के लिए आमंत्रित किया और वह उनके होटल रूम में मिलने गईं.

ये इंटरव्यू साल 2011 में दिया गया था लेकिन इसे 2018 में जारी किया गया था.

इस इंटरव्यू में डेनिएल्स ने कहा, “वे पूरी तरह से सोफे पर पसरे हुए थे. टेलीविजन देख रहे थे या कुछ कर रहे थे. उन्होंने पायजामा पहन रखा था.”

डेनिएल्स ने दावा किया कि उस रात होटल में दोनों के बीच यौन संबंध बने.

हालांकि, ट्रंप के वकील ने कहा है कि उनके क्लाइंट ने इससे पूरी तरह इनकार किया है.

अगर डेनिएल्स की बात में सच्चाई है तो ये घटना ट्रंप के सबसे छोटे बेटे बैरन के जन्म के चार महीने बाद हुई थी.

मार्च, 2018 में एक टीवी इंटरव्यू में डेनिएल्स ने दावा किया कि उन्हें इन संबंधों पर चुप्पी साधने की हिदायतनुमा धमकी दी गयी थी.

उन्होंने आरोप लगाया है कि ‘2011 में जब ‘इन टच वीकली’ को इंटरव्यू देने के लिए मैंने हां कह दिया था तो उसके कुछ ही दिनों बाद लास वेगास के कार पार्क में एक शख़्स मेरे पास आकर बोला कि ‘ट्रंप को अकेला छोड़ दो.”

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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप अपनी पत्नी मैलेनिया ट्रंप और बेटे बैरन ट्रंप

ये मामला अभी क्यों उठा है?

जनवरी 2018 में, अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक लेख प्रकाशित किया था. इसमें दावा किया गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप के तत्कालीन वकील माइकल कोहेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से एक महीने पहले अक्टूबर, 2016 में डेनियल्स को 1,30,000 डॉलर का भुगतान किया था.

इस चुनाव में ट्रंप को जीत मिली थी.

डेनियल्स ने कथित तौर पर अपने अफे़यर की कहानी को बेचने के लिए अमेरिकी अख़बार नेशनल इंक्वायरर से संपर्क किया था.

जर्नल के मुताबिक, यह पैसा क्लिफ़ोर्ड को उस समझौते के तहत दिया गया था जिसके मुताबिक उन्हें ट्रंप के साथ अपने अफ़ेयर की बात सार्वजनिक नहीं करनी थी.

क्या ये गै़र क़ानूनी था?

क़ानूनी तौर पर यह भुगतान अवैध नहीं था. लेकिन जब ट्रंप ने कोहेन को भुगतान किया तो उसे लीगल फ़ीस के रूप में दर्ज किया.

न्यूयार्क प्रशासन के वकीलों के मुताबिक, यह ट्रंप की ओर से अपने दस्तावेज़ों के साथ हेरफेर करने का मामला है जो कि न्यूयॉर्क में एक आपराधिक कृत्य है.

सरकारी वकील इस मामले में ट्रंप पर चुनाव से जुड़े नियमों के उल्लंघन का आरोप भी लगा सकते हैं.

क्योंकि ट्रंप की ओर से स्टेफ़नी डेनियल्स को किए गए भुगतान को छिपाने की कोशिश इसलिए की गयी थी ताकि वह मतदाताओं से अपने और स्टेफ़नी डेनियल्स के बीच रिश्ते को छिपा सकें. 

क्या ट्रंप पर आरोप लगा जाएंगे?

ट्रंप के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दाख़िल करने का अधिकार न्यूयॉर्क शहर के डिस्ट्रिक्ट अटार्नी एल्विन ब्रैग के पास है.

ट्रंप के ख़िलाफ़ मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं या नहीं, इसका पता लगाने के लिए उन्होंने एक बड़ी ज्यूरी का गठन किया है.

फ़िलहाल वे अकेले ऐसे शख़्स हैं जिन्हें मालूम है कि ट्रंप के ख़िलाफ़ अभियोग चलाया जा सकता है या नहीं.

ट्रंप के वकीलों ने पिछले हफ़्ते कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति को ज्यूरी के सामने पेश होने का मौका दिया गया, इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जांच ख़त्म होने को है.

ट्रंप के वकीलों ने यह भी कहा है कि ना तो उनके पास और ना ही ट्रंप के पास अभियोग चलाए जाने की कोई अग्रिम सूचना है.

वकीलों के मुताबिक, ट्रंप की टिप्पणी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है.

माइकल कोहेन को साल 2018 में ट्रंप के चुनावी अभियान के दौरान 2016 में डेनिएल्स और एक अन्य महिला को पैसे का भुगतान करने एवं अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद जेल की सज़ा सुनाई गई थी.

20 मार्च को ट्रंप के क़ानूनी सलाहकार के साथ साथ माइकल कोहेन की गवाही दर्ज होने के कयास लगाए जा रहे थे.

इस जांच से जुड़े वकीलों से स्टॉर्मी डेनिएल्स भी मिली हैं.

ये मामला इतना अहम क्यों है?

पूर्व राष्ट्रपति के समर्थकों यहां तक कि धार्मिक तौर पर दक्षिणपंथी लोगों ने भी उनके पिछले बर्तावों और उनके ख़िलाफ़ महिलाओं की ओर से लगने वाले आरोपों को खारिज़ कर दिया है.

लेकिन स्टॉर्मी डेनिएल्स के मामले की सुनवाई अदालत में होगी.

ट्रंप ने 2024 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के लिए फिर से मैदान में उतरने की इच्छा ज़ाहिर की है, इसे देखते हुए इस मामले का फ़ैसला बेहद अहम हो गया है.

बीबीसी के उत्तरी अमेरिका संवाददाता एंथनी जर्चर का कहना है कि अभियोग चलाया जाना या आपराधिक सज़ा भी ट्रंप को अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारी से रोक नहीं पाएगी.

वास्तव में, अमेरिकी क़ानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी अपराध के दोषी, सज़ायाफ़्ता को राष्ट्रपति चुनाव में उतरने या फिर राष्ट्रपति बनने से रोकता है.

कोई शख़्स जेल में रहते हुए भी अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभाल सकता है.

हालांकि, ट्रंप की गिरफ़्तारी निश्चित तौर पर राष्ट्रपति पद के लिए उनकी दावेदारी को मुश्किल बनाएगी.

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