जगदलपुर 20 जनवरी 2023/ कलेक्टर श्री चंदन कुमार ने शिशु मृत्यु की दर में कमी लाने के लिए इसके कारणों को बारीकी से जानने की आवश्यकता बताई। गुरुवार 19 जनवरी को जिला कार्यालय के प्रेरणा सभाकक्ष में आयोजित स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने शिशु मृत्यु के संबंध में विस्तार से समीक्षा की। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री आरके चतुर्वेदी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डाॅ रीना लक्ष्मी सहित स्वास्थ्य विभाग के विकासखण्ड और सेक्टर स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रत्येक मृत बच्चे के मृत्यु के कारणों को जानने और उनका विश्लेषण करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानीनों को भी प्रशिक्षित करने की आवश्यकता बताई, जिससे वे बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए माताओं को प्रशिक्षित कर सकें तथा बच्चों का स्वास्थ्य खराब होने पर तत्काल अस्पताल पहुंचाने के लिए भी प्रेरित कर सकें। उन्होंने ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन के दौरान माताओं के व्यवहार परिवर्तन पर अधिक से अधिक कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने मितानिनों को समय पर दवा उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि मितानिनें भी सिर्फ दवाई देकर अपने दायित्व को पूरा न समझें, बल्कि बीमार बच्चों को अच्छे उपचार के लिए अस्पताल भेजने के लिए माता-पिता को प्रेरित भी करें। इसी तरह सिरहा, गुनिया, बैगाओं को भी बीमार बच्चों को अस्पताल भेजने हेतु प्रेरित करने के लिए प्रशिक्षित करने पर जोर दिया। उन्होंने नवजात शिशुओं के दुग्धपान प्रारंभ करने तक अस्पताल में ही भर्ती रखने के निर्देश दिए। उन्होंने मेडिकल स्टोर्स में बच्चों की दवाइयां बिना पंजीकृत चिकित्सक की सलाह पर बिक्री पर कार्यवाही के निर्देश भी दिए।
कलेक्टर ने निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्र भवनों की प्रगति, प्रयोगशाला निर्माण, प्रसव कक्ष आदि के निर्माण की समीक्षा की। इसके साथ ही स्वास्थ्य केन्द्रों में विद्युत व्यवस्था के संबंध में भी चर्चा की। उन्होंने पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाए जाने पर विशेष जोर दिया।
कलेक्टर ने शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रत्येक मृत बच्चे के मृत्यु के कारणों को जानने और उनका विश्लेषण करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानीनों को भी प्रशिक्षित करने की आवश्यकता बताई, जिससे वे बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए माताओं को प्रशिक्षित कर सकें तथा बच्चों का स्वास्थ्य खराब होने पर तत्काल अस्पताल पहुंचाने के लिए भी प्रेरित कर सकें। उन्होंने ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन के दौरान माताओं के व्यवहार परिवर्तन पर अधिक से अधिक कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने मितानिनों को समय पर दवा उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि मितानिनें भी सिर्फ दवाई देकर अपने दायित्व को पूरा न समझें, बल्कि बीमार बच्चों को अच्छे उपचार के लिए अस्पताल भेजने के लिए माता-पिता को प्रेरित भी करें। इसी तरह सिरहा, गुनिया, बैगाओं को भी बीमार बच्चों को अस्पताल भेजने हेतु प्रेरित करने के लिए प्रशिक्षित करने पर जोर दिया। उन्होंने नवजात शिशुओं के दुग्धपान प्रारंभ करने तक अस्पताल में ही भर्ती रखने के निर्देश दिए। उन्होंने मेडिकल स्टोर्स में बच्चों की दवाइयां बिना पंजीकृत चिकित्सक की सलाह पर बिक्री पर कार्यवाही के निर्देश भी दिए।
कलेक्टर ने निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्र भवनों की प्रगति, प्रयोगशाला निर्माण, प्रसव कक्ष आदि के निर्माण की समीक्षा की। इसके साथ ही स्वास्थ्य केन्द्रों में विद्युत व्यवस्था के संबंध में भी चर्चा की। उन्होंने पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाए जाने पर विशेष जोर दिया।