हैप्पी हो न्यू ईयर मौज के साथ संस्कार भी हांे डीयर: वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव

मनाईये नया साल जमकर मनाईये। कोई कसर बाकी न रहे। मनाईये अंग्रेजी नया साल मनाईये। एक तो खुशी के मौके तलाशते रहना चाहिये। तनाव से मुक्ति मिलती है और दूसरा बड़ा कारण अंग्रेजी नया साल मनाने का इसलिये भी है कि सारा विश्व एक गांव की तरह देखा जा रहा हैैै। कोई अलग नहीं है। कोई गैर नहीं है।
विश्व के नये साल के उत्सव में हमें भी भागीदारी निभानी चाहिये। फुल मौज-मस्ती से मनाईये। लेकिन साथ ही ये भी याद रखिये कि हमारी जड़ें हिन्दु नववर्ष ‘23 मार्च 2023’ में हैं। और ये नववर्ष मौज-मस्ती से अधिक संस्कार और प्रार्थना से सरोबार होता है।

विश्व के साथ चलना है इसलिये अंग्रेजी नववर्ष और जड़ों से जु़ड़ना है तो हिन्दु नववर्ष। आजकल तो कई विदेशी भी हिन्दु परम्पराआंे, संस्कारों और प्रार्थनाओं के कायल हो  रहे हैं।
बहुत तेजी से हिन्दु संस्कारों को आत्मसात किया जा रहा है। इसलिये अंग्रेजी नववर्ष में अपने बच्चों को नाचने-गाने और मौज का उत्सव मनाने दें ताकि उनका मन खुश हो। प्रसन्नता प्राप्त हो।
लेकिन जब हिन्दु नववर्ष की बात हो तो उन्हीं बच्चों की आत्मा तक अभिभूत हो जाए ऐसा वातावरण दीजिये। बच्चों को प्रभु से प्रार्थना का पथ दिखाएं।
प्रेम, सौहार्द्र, सहयोग, सहनशीलता  अन्याय का विरोध चाहे वो किसी के भी साथ हो रहा हो के संस्कार दें। निस्संदेह ‘हिन्दु’ जीवन पद्धति विश्व में सर्वोच्च है।
इसे अपने परिवार को आत्मसात करने दीजिये। जीवन में दोनों नववर्ष अपनी जगह हैं। दोनों मनाईये मर्यादा के साथ।

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