
अरूण साव,संजय श्रीवास्तव,अमित चिमनानी की प्रेसवार्ता
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी…
जो ठेस कांग्रेस के नेता और संसद मे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने देश के हिंदुओं को लगाई है वो असहनीय है। भाजपा नेताओं ने भी प्रेसवार्ता में कहा कि बार-बार असफल होने वाले राहुल गाध्ंाी का नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहला भाषण झूठा,निराशाजनक और तथ्यहीन रहा। अपनी वार्ता में भाजपा नेताओं ने राहुल को जमकर कोसा।
दूसरी ओर राहुल के इस परफाॅर्मेन्स पर कांग्रेस नेताओं ने राहुल के बयान को सही ठहराने का प्रयास किया।
भाजपा के वरिष्ठतम् नेताओं द्वारा राहुल के बयान पर बीच में टोकने से कांग्रेसी गदगद हो रहे हैं। ऐसा वे दिखाने की कोशिश कर रहे हैं
हालांकि अंदर से वे राहुल गांधी के बयान पर माथा पीट रहे हैं और जानते हैं कि प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री द्वारा टोकने का अर्थ है भारी विरोध, दमदार आपत्ति यानि घोर नाराजगी। बहरहाल… दोनों दलों ने अपना पक्ष रखा है।
लेकिन इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि बेहद बचकाना और दिलजले टाईप का बयान था राहुल गांधी का मानो कोई भड़ास निकाल रहे हों। इसका खामियाजा उन्हें अवश्य भुगतना पड़ेगा। किसी सड़क पर या मैदान में किसी चुनावी सभा को संबोधित करने जैसा संबोधित किया नेता प्रतिपक्ष ने संसद के अंदर।
उन्होंने कहा कि जो लोग खुद को हिंदु कहते हैं वे 24 घंटे ंिहसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत और असत्य-असत्य-असत्य की बात करते हैं।
कुल मिलाकर राहुल का बयान सदन की मर्यादा के विरूद्ध था और कदाचित ये बयान वे चुनाव के पहले देते तो चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ता।
बयान से अंदर से खुश भाजपाई
कांग्रेस की हकीकत सामने आई
कुछ भाजपाई कांग्रेस की पोल खुलने से खुशी भी जाहिर करते हैं। इसी तरह कांग्रेस हिंदुओं के प्रति ज़हर उगलती रहे और देश का हिंदु अपने अपमान पर एक होता रहे।
वैसे देखा जाए तो भाजपा की खुशकिस्मती है कि वे नेता प्रतिपक्ष चुने गये हैं और हमेशा की तरह अपने बचकाने बयान और हिंदुओं के प्रति उनकी नापसंदगी को जाहिर करते रहेंगे जिसका भरपूर फायदा भाजपा को मिलेगा।
पहले भी कांग्रेस हिंदुओं के प्रति नापसंदगी वाले कदम नहीं उठाती, अवहेलना और नाइंसाफी वाले नियम नहीं बनाती तो भाजपा को हिंदुओं को एकजुट करने का अवसर नहीं मिलता।
मगर अपनी गिरी हुई हरकतों से इतना नीचे गिर जाने के बावजूद कांग्रेसी नेता बात की गहराई को समझ नहीं पा रहे हैं।
कांग्रेस की ये 99 की जीत उसे निन्यानबे के फेर में डाल देगी और कदाचित् अब वो फिर 99 की सीढ़ी से नीचे गिर जाए।
भाजपा नेताओं ने जो नाराजगी जाहिर की है वो बहुत कम है वास्तव में तो थोड़े भी जागरूक हिंदु जिसने ये बयान सुना है अंदर से उबल रहा है।
निहायत ही दिल दुखाने वाला बयान दिया है राहुल गांधी ने। इतिहास गवाह है कि हिंदुओं जितना सहिष्णु, उदार, परोपकारी और निच्छल पूरे विश्व में कोई नहीं। बावजूद इसके इतना निम्नस्तरीय बयान दिया। ऐसा लगता है कि राहुल गांधी के अंदर जो घृणा हिंदुओं के प्रति है वो इस रूप में सामने आ रही है और पहले भी आती रही है।
हिंदुओं को गुलाम बनाने की साजिश
कुछ वर्ष पूर्व अल्पसंख्यक बिल, सही और लंबा नाम कुछ और है, जो सदन में प्रस्तुत किया था कांग्रेसी गृहमंत्री ने, उसे देश भूला नहीं है। उस के माध्यम से कांग्रेस सीधे-सीधे हिंदुओं को गुलाम बनाना चाहती थी इसमें कोई दो मत नहीं हैं।
कांगं्रेस ने संसद में दो बार प्रयास किया उस बिल को पास कराने का, लेकिन बेहद इकतरफा होने के कारण पास नहीं हो सका।
इस बिल में अल्पसंख्यकांे के आगे हिंदओं को लाचार बना देने की पूरी व्यवस्था थी। इस बिल से कांग्रेस हिंदुओं को पूरी तरह अपाहिज और देश के अंदर गुलाम बना देना चाहती थी।
इस तरह हमेशा से ये प्रत्यक्ष साबित होता रहा है कि गांधी परिवार को हिंदुओं से नफरत है। राहुल गांधी ने वोटों की खातिर कई बार वेश बदला और खुद को हिंदु साबित करने के लिये जनेउ तक धारण किया वो भी सबको दिखाने के लिये शर्ट के उपर।
इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं देखने को मिलता जिसमें शर्ट के उपर किसी ने जनेउ धारण किया हो। राहुल गांधी ऐसे हिंदु हैं जिन्हें पूजा के वक्त अपना ही गोत्र दुसरों से पूछना पड़ा था।
इतनी बड़ी पार्टी का इतना बड़ा नेता… और इतना बचकाना और घृणित बयान…. बेहद दुखद है। कांग्रेस से जुड़े हिंदु अब भी कांग्रेस से सहानुभूति रखते हैं तो घोर आश्चर्य है।
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जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
मोबा. 9522170700
‘बिना छेड़छाड़ के लेख का प्रकाशन किया जा सकता है’
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