Thursday, April 25

पंचकल्याणक महोत्सव में पांडुक शिला पर धार्मिक उत्साह के साथ सैकड़ों लोगों ने किया मंगल अभिषेक

अमृत वचनों में आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज जी ने कहा- भारत की भूमि, साधना भूमि है

भिलाई। पंचकल्याणक महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ के दूसरे दिन दशहरा मैदान रिसाली में जन्मकल्याणक के अवसर पर सुबह श्री जिनेंद्र भगवान का मंगल अभिषेक एवं शांतिधारा का अनेक भक्तों ने धर्म लाभ लिया। आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के ससंग मंगल सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य दीवान जी भोपाल के साथ अनेक भक्तों की उपस्थिति में सैकड़ों भक्तों ने अभिषेक किया।

जानकारी देते हुए पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महा महोत्सव के प्रचार प्रसार प्रमुख प्रदीप जैन बाकलीवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ सहित देश के अलग अलग राज्यों से भक्त पंचकल्याणक महोत्सव में आचार्य श्री से आशीर्वाद लेने पहुंच  रहे हैं। बुधवार को आदि कुमार भगवान के जन्मोत्सव पर इंद्र और इंदिरानियों ने भव्य नाटिका की प्रस्तुति देते हुए भक्ति भाव के साथ मंत्रमुग्ध होकर बहुत ही सुंदर नृत्य की प्रस्तुति  दी। राज दरबार में सौधर्म इंद्र इंद्राणी  के साथ  बालक आदि कुमार को गोद में लेकर खुशी से झूम उठे। आज आदि कुमार के जन्मोत्सव पर पांडुक शिला में सैकड़ों भक्तों ने आचार्य श्री के अमृत वचनों से भक्ति भाव के साथ मंगल अभिषेक किए। ऐसा लग रहा था कि जैसे भगवान का समोसारण धरती पर उतर आया है।

ऐसे लोगों से बचें जिनकी संगत ठीक न हो
पंचकल्याणक महोत्सव के दौरान आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के प्रवचनों को सुनने भक्तों में आतुरता दिखी। धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज ने कहा कि वर्तमान में जिनवाणी को समझना सरल हो गया है। आप ऐसे लोगों के बीच में ऐसी संगत ना रखें कि जिससे आपके परिणाम काले हो जाएं। ऐसे लोगों से  बचकर रहें आपको जो जीवन मिला है उसे विशुद्धि के कार्य में लगाएं। आचार्य श्री ने कहा कि लोगों ने जब हमसे कहा कि आप इतना विहार क्यों करते हैं, तो हमने कहा कि भगवान महावीर के जिनशासन के उपदेशों को सर्वत्र पहुंचाना है इसके लिए विहार जरूरी है। पुराने जमाने में इत्र वाला पेटी लेकर गली-गली इत्र बेचता था जिसके कारण उसके आसपास का वातावरण सुगंधित होकर संपूर्ण क्षेत्र में इत्र की खुशबू फैल जाती थी। वैसे ही इत्र की सुगंध की तरह आप अपने  जीवन को  खुशबू की तरह जिओ।

आचार्य श्री ने कहा कि आज हम रायपुर से चातुर्मास और पंचकल्याणक के बाद पार्श्वनाथ धाम से रिसाली मल्लीनाथ दिगंबर जैन मंदिर, से सेक्टर 6, वैशाली नगर, नेहरू नगर, रूआबांधा से दुर्ग में भगवान महावीर का संदेश देते हुए आपको आपके जीवन में आनंद और धर्म का उत्साह के साथ जिनवाणी का रसपान करा रहे हैं। मुनि गण विश्व के लिए जन्मते हैं मुनि बनने के बाद आप संतो के निकट और भगवान महावीर की वाणी भगवान महावीर के जिनशासन को ग्रहण करते हुए अपने जीवन में अपने कषाय और वासना को उतार फेंकना चाहिए।

कोरोना ने हमें जीवन जीना सिखा दिया
कोरोना संकट ने हमें जीवन जीना सिखा दिया है। कोरोना के बाद लोगों का धर्म के प्रति श्रद्धा और विश्वास बढ़ने लगा है। संपत्ति कुछ हो सकती है लेकिन सब कुछ नहीं हो सकती आप आपस में प्रेम और सद्भाव के साथ जीवन जिए   क्योंकि कर्म किसी को नहीं छोड़ता। जिस घर में सुमति होगी वहां लक्ष्मी सरस्वती के साथ खुशहाल जीवन रहेगा। कुमति भरे छल कपट से जीवन यापन करोगे तो आपका जीवन और असंतुलित आसंयमित रहेगा। आज  हमको  जिनवाणी मां के शास्त्र को ग्रहण कर अपना जीवन शास्त्र में सात्विकता के साथ जीना चाहिए।  शास्त्र को ग्रहण करें,  शस्त्र मत बनने दो संसार का आनंद लेना है तो साधु बनकर जियो। माया चारी बनकर मत जियो। कर्तव्य करो फल की इच्छा मत करो।आपको उस परमात्मा की पूजा करना जिसमें दास नहीं , मैं भक्त हूं हम मुनि के आगे दास नहीं लिखे रहता है क्योंकि दास टुकड़े मांगता है।

करें। रागद्वेष  से बचकर रहें
आचार्य श्री ने कहा कि मुनियों का जीवन रत्नों के अमृत वचनों और आशीर्वाद से  परिपूर्ण  रहता है। माताएं अपनी  बहु को बेटी के जैसा प्यार करें और दुर्वव्यवहार ना करें प्रेम के साथ अपने परिवार का संचालन भी करें। रागद्वेष  से बचकर रहें। हमारी भारत की भूमि है यह भूमि नहीं बल्कि साधना भूमि है। जीवन ऐसा जिओ  वासना के मार्ग से निकलकर साधना के मार्ग को अपनाएं। मुनि जनों का जीवन चरित्र गुणों से भरा रहता है। सम्यक ज्ञान सम्यक ज्ञान  सम्यक चरित्र से भरा जीवन रहता है।

आज सैकड़ों भक्तों ने आचार्य श्री  को श्रीफल अर्पण करते हुए  श्री जिनेंद्र भगवान के मंगल दर्शन किए  और आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन करते हुए मंगल आशीर्वाद  ग्रहण किए। प्रवचन पश्चात आचार्य श्री के आहार चर्या  का धर्म लाभ मल्लिनाथ दिगंबर जैन मंदिर रिसाली  समिति के अनेक भक्तों ने अपने घर में आहार चर्या का सौभाग्य प्राप्त किया। मंच का संचालन प्रशांत जैन के साथ प्रतिष्ठा  चार्य ने किया। इस अवसर पर अध्यक्ष दिनेश जैन, प्रशांत जैन, सुनील जैन, राकेश जैन, कमलेश जैन, विनय जैन, संतोष जैन, विमलेश जैन, अमित जैन सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।  पंच कल्याणक महोत्सव के तहत 17 नवंबर को दशहरा मैदान रिसाली में तप कल्याणक दिवस का पूजन प्रतिदिन अनुसार होगा।

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