महासमुंद. स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश स्कूल नयापारा महासमुन्द के कक्षा 11 वीं मैथ्स की छात्रा कुमारी रितिका धु्रव ग्रामीण अंचल की आदिवासी बालिका जिनकी रूचि विज्ञान के प्रति बचपन से ही थी. इनके पिता देवसिंग धु्रव महासमुन्द जिले के गुड़रूडीह (सिरपुर ) के रहने वाले हैं. देवसिंग ध्रुव की तुमगांव में साईकिल रिपेयरिंग की दुकान है. माता सरोज ध्रुव गृहिणी है.
स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल नयापारा महासमुन्द की प्राचार्या अमी रूफस, विज्ञान के शिक्षक मितेश शर्मा, विकास यादव एवं प्रमोद कन्नौजे के मार्गदर्शन में छात्रा रितिका ने अपना यह अभियान पूरा किया. ज्ञात हो कि रितिका ध्रुव जब 8 वीं कक्षा में पढ़ती थी तभी से उनकी रुचि विज्ञान के प्रति जागृत हुई और वह विज्ञान से संबंधित गतिविधियों में भाग लेने लगी.
विज्ञान से संबंधित अंतरिक्ष प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. इसी बीच इसरो ने प्रोजेक्ट के लिए आवेदन आमंत्रित किया. रितिका ने इसरो के निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर अपना प्रोजेक्ट रखा. इस प्रोजेक्ट के लिए देश भर से छः स्कूली विद्यार्थियों का चयन किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ से एक मात्र छात्रा रितिका ध्रुव का चयन हुआ है.
चयन प्रक्रिया के अंतर्गत सबसे पहले उन्होंने बिलासपुर में विषय संबंधी प्रश्नोत्तरी प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया उसके बाद मिलाई स्थित आई आई टी में 25 सितम्बर को अपनी प्रस्तुति दी. इनके टीम के अन्य सदस्य वोरा विघ्नेश आंध्रप्रदेश वेंम्पति श्रीयेर आंध्र प्रदेश, ओलविया जॉन केरल, के प्रणीता महाराष्ट्र और श्रेयस सिंह महाराष्ट्र के साथ अपने मेंटर आशुतोष सिंह आई आई टी बाम्बे के एक एयरोस्पेस प्रोफेसर सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र श्रीहरिकोटा आंध प्रदेश के सदस्य और वैज्ञानिक ने अंतरिक्ष में वैक्यूम तब नासा ने ब्लैक होल से ध्वनि कैसे खोजी विषय पर एक प्रस्तुति दी थी. छात्रा रितिका ध्रुव ने अपनी टीम का शानदार प्रतिनिधित्व किया उनका प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा जिसके कारण उनका चयन किया गया.
जज पैनल में डॉ. वेलवर्ड नासा, डॉ जोनाथ इसरो और डॉ ए. राजराजन सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र शामिल थे. जज की पूरी टीम ने रितिका ध्रुव को बधाई दी और उन्हें उन्हें एसडीएससी में अधिक जानने के लिए आमंत्रित किया. इसी क्रम में रितिका ध्रुव प्रशिक्षण हेतु दिनांक 1 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक सतीश धवन स्पेस सेंटर श्री हरिकोटा आंध्र प्रदेश में प्रशिक्षण ले रही है. अगले चरण का प्रशिक्षण नवम्बर माह में बेंगलुरू इसरो में क्षुद्रग्रह प्रशिक्षण शिविर में भाग लेगी.