- महासमुंद- (किशोर कर ब्यूरो चीफ)नगर
निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और राजनीतिक दल चुनावी घमासान के लिए कमर कसने लगे है. नगर सत्ता के मठाधीश गलियों में पहरा डाल रहे हैं और नगर सत्ता के विपक्ष में बैठे लोग जनता की नब्ज टटोल रहे हैं लेकिन नगर के नागरिक राजनेताओं वह सत्ता की गलियारों में चहलकदमी करने वाले नेताओं के मंसूबों को जानने में जुटे हुए हैं । जाहिर सी बात है आम नागरिक अब बिकाऊ नहीं रहा है ऐसे में नगर सत्ता तक पहुंचने का दंभ भरने वाले नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं राजनीतिक दलों की बात करें तो पिछले 10 वर्षों तक सरायपाली नगर सत्ता में भारतीय जनता पार्टी अपना एक छत्र दबदबा कायम रखने में कामयाब रही है लेकिन इस बार चुनाव से ठीक पहले भाजपा दरकती नजर आ रही है. दरअसल इन दिनों भाजपा में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। खेमों में बंटी भाजपा के लिए नगर सत्ता की राह आसान नजर नहीं आ रहा है। हाल ही में हुए संगठन चुनाव के बाद युवा नेतृत्व को मंडल का नेतृत्व दिया गया है । लेकिन जाहिर तौर पर आज भी पार्टी उसी धड़ा का हुक्मराम चलता है जो संगठन चुनाव से पहले चलता रहा है। यह बात नवनियुक्त जिलाध्यक्ष के सराईपाली आगमन पर खुलकर सामने आ गयी और मंडल प्रमुख ने बगावती तेवर भी अख्तियार कर दी. हालांकि यह सब पार्टी के अंदर की बातें हैं जो राजनीतिक जानकारों से छनकर मीडिया तक पहुंचती है. ऐसे हालातों में नगर सत्ता में फिर से कमल कैसे खिलेगा यह सब सवालों के दायरे में आ गया है।