- अब परिवर्तन के इस दौर में 2023 में अच्छा करने का सबसे अच्छा मौका व समय है कि
पिछड़े लोग जो मुख्य धारा से जुड़ने में पिछे छूट गए है उनको मुख्य धारा में लाने के लिये मेरे व्यक्तिगत विचार में आरक्छन ही एक टूल है जिसके द्वारा उन्हें मुख्य धारा में लाया जा सकता है।
परंतु उन्हें विशेष शिक्षा व ट्रेनिंग की भी जरूरत है उन्हें अलग से कोचिग व विषय कि एक्स्ट्रा क्लास की सुविधा दे कर उनके नीव को भी मजबूत किया जाना अतिआवश्यक है।
साथ ही जो वास्तव में आरक्छन के हक दर है उन्हें उनका हक दिलाने के लिये
*जिसकी एक पीढ़ी की आरक्छन का लाभ मिल गया उसकी दूसरी पीढ़ी की आरछण का लाभ कदाचित नही दिया जाना चाहिए*
*यह वर्तमान समय की जरूरत है।*
*वर्तमान व्यवस्था के कारण एक बार आरक्छन प्राप्त अधिकारी के बच्चे को पुनः आरक्षण के पात्र होने के कारण आरक्छन का लाभ कुछ 2 – 3 लाख परिवारों तक सिमट के रह गया है । जिससे वास्तविक हकदार वंचित रह रहे है ।*
अतः तत्काल आरक्छन कानून में बदलाव की जरूरत है।
*वरना SC ,ST ,OBC व अन्य जिन्हें रिज़र्वेशन प्राप्त है*
*जीवन भर अन्य SC ,ST OBC जिनको आरक्छन के लाभ वास्तविक अवसक्ता है नहीं लेने देंगे/ मिल पायेगा*
सरल शब्दों में *जिनकी एक पीढ़ी को आरक्छन का लाभ मिल गया हो उनकी अगली पीढ़ी की आरक्छन का लाभ पर तत्काल संवैधानिक रूप से रोक लगाए जानी की जरूरत है।*
साथ ही
*अगर पिता/पुत्र को MP/ MLA /पार्षद/ सरपंच का चुनाव लड़ने के लिये एक बार आरक्षण का लाभ मिल गया हो तो उस परिवार में पत्नी , पोतों , पुत्र/ पिता , व सगे भाईयो को चुनाव लड़ने के लिये पुनः आरक्छन का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए।*
ऐसा कर ही हम आरक्षण के वास्तविक हकदारों को मुख्य धारा में ला सकते है।