रायपुर। विश्व महामारी कोरोना काल मे चर्च ने सभी मसीही जनों को ऑनलाइन चर्च के सम्पर्क में रखा है। इस बार कोरोना काल के दूसरे चरण में भी चर्च ने सोशल डिस्टेंस का पालन कर चर्च में होने वाले कार्यक्रमो का संचालन जारी रखा है। आप को बता दे मसीहीजनों का दुखभोग सप्ताह चल रहा है। प्रभु यीशु मसीह क्रूस के अंतिम पड़ाव की ओर हैं। उनकी गिरफ्तारी गुरुवार रात को होगी। उनका अपना चेला यहूदा इसकरयोती उन्हें रोमी साम्राज्य के सैनिकों के हाथों पकड़वा देगा। उसने तीस चांदी के सिक्के लेकर अपने गुरु को पकड़वाने का सौदा किया है। पुण्य गुरुवार यानी मॉन्डी थर्स-डे को रातभर प्रभू यीशु पर मुकदमा चलेगा। फिर शुक्रवार को यानी गुड फ्राइडे को उन्हें सुबह क्रूस पर चढ़ाने के आदेश हो जाएंगे।
पवित्र शास्त्र बाइबिल के अनुसार गुरुवार के प्रभु यीशु अपने बारह चेलों के साथ अंतिम भोज करेंगे। फिर वे भजन गाते हुए जैतून पहाड़ पर जाते हैं और वहां उन्हें पकड़ लिया जाता है। कोरोना को लेकर गिरजाघर बंद हैं। खजूर रविवार से ऑनलाइन दुख भोग सप्ताह की प्रतिदिन संध्या सात बजे आराधनाएं हो रही हैं। सभी चर्चों में शासन की गाइड-लाइन का पालन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ कैथोलिक डायसिस के आर्च बिशप विक्टर हैनरी ठाकुर सैंड जोसफ महागिरजाघर बैरनबाजार से और छत्तीसगढ़ डायसिस सीएनआई के बिशप राइट रेव्ह रॉबर्ट अली कलवरी की यात्रा पर उपदेश दे रहे हैं।
सीएनआई के सभी चर्चों में सीधा प्रसारण सेंट पॉल्स कैथेड्रल से हो रहा है। बिशप के साथ पादरी अजय मार्टिन, पादरी शमशेर सामुएल, पादरी सुनील कुमार, पादरी असीम प्रकाश विक्रम डीकन मारकुस केजू व एमआर पतरस सहायक पुरोहित अब्राहम दास, इस्माइल मसीह आराधना के संचालन, पवित्र शास्त्र के पठन, सार्वभौमिक प्रार्थना, उत्तरवादी पाठ, सराहना, परहित निवेदन, दान की प्रार्थना, भजनों, अनुग्रह वचन आदि में शामिल हो रहे हैं। बिशप अली ने सोमवार -मंगलवार को प्रभु के मंदिर में व्यापार करने वालों को खदेड़ने की घटना का जिक्र करते हुए मसीहीजनों से कहा कि वे गिरजाघरों में आने वालों को प्रभु का वचन सुनाया जाना, दीन-दुखियों की मदद, बीमारों की चंगाई के लिए प्रार्थना आदि किया जाना ता, लेकिन तत्कालीन लोगों ने इसे व्यापार का अड्डा बना दिया था। वहां प्रभु की खोज में आए भक्तों, लाचारों, जरूरतमंदों को अनदेखा किया जा रहा है। ऐसे ही दृश्य वर्तमान में देखने को मिलते हैं। लोग सेवाभाव छोड़कर अपने स्वार्थ और मतलब के लिए प्रभु के भवन में आते हैं। ये सब बंद किया जाए, ताकि प्रभु का कोप आप पर न भड़के। गिरजाघरों में नामकरण व दृढ़ीकरण के लिए कलीसिया खड़े होकर बच्चों व जवानों की जिम्मेदारी लेती है, बाद में देखा जाता है कि उन बच्चों के जीवन व भविष्य को लेकर चिंता नहीं करता। वे कहां हैं, क्या कर रहे हैं, चर्च व समाज से क्यों दूर हैं कोई खबर तक नहीं लेता। कलीसिया को अपनी जिम्मेदारी पूरी होगी। कोरोना काल में हमें अपना जीवन बचाते हुए दूसरों के जीवन की भी चिंता करनी है। धार्मिकता को भी बचाना है।
मुख्य घटनाएं जो इस हफ्ते होंगी
0 गुरुवार- पुण्य गुरुवार। प्रभु यीशु का चेलों के साथ अंतिम भोज। रात को गेतसेमनी बाग में गिरफ्तारी। रातभर मुकदमा।
0 शुक्रवार- पुण्य शुक्रवार सुबह प्रभु यीशु को रोमी साम्राज्य के खिलाफ भड़काने के आरोप में क्रूस की मौत। क्रूस पर सात वचन।
0 शनिवार- उज्जवल शनिवार। प्रभु की आत्मा का स्वर्ग में पिता परमेश्वर से तारतम्य।
0 रविवार- पुनरूत्थान पर्व ईस्टर। प्रभु यीशु का तीसरे दिन जीवित होना. गौरतलब है कि छःत्तीसगढ़ में कोरोना का दूसरा चरण शुरू हो गया है। जिसे देखते हुए मसीही समाज और उनके प्रमुख प्रशासन को सहयोग करते हुए अपने सभी सामूहिक कार्यक्रम को ज्यादातर ऑनलाइन कर रहे है। चर्च अपने सदस्यों को ऑनलाइन प्रथना करा रहा है और शासन के कोरोना गाइड लाइन के अनुसार कार्यक्रमो में संख्या आमंत्रित कर रहा है।