रायपुर। । जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख, मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व उपमहापौर तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी एवं छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमाओं की बीरगांव नगर निगम स्थित सार्वजनिक स्थल पर स्थापना का विरोध गैरवाजिब एवं अक्षम्य हरकत है तथा उन्होंने कहा है कि विरोध करने वाले छत्तीसगढ़िया नहीं हो सकते।

विरोधियों का यह कृत्य उनकी जोगी जी के प्रति कुण्ठा एवं ईर्ष्या का प्रतीक है। विरोध करने वाले जोगी जी के साथ-साथ छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का भी विरोध कर रहे हैं जो अक्षम्य के साथ-साथ छत्तीसगढ़िया अस्मिता को अस्थिर करने का कुप्रयास है जिसको छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी एवं छत्तीसगढ़ महतारी के प्रति चाहत एवं श्रद्धा रखने वाला व्यक्ति कदापि बर्दाश्त नहीं करेगा। चर्चा है कि यह विरोध छत्तीसगढ़ में बाहर से आए कुछ नेताओं द्वारा करवाया जा रहा है।
रिजवी ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में जकांछ सरकार बनाऐगी जो छत्तीसगढ़िया की, छत्तीसगढ़िया के लिए एवं छत्तीसगढ़िया के द्वारा ही अस्तित्व में आऐगी। उस सरकार में सभी ठेठ छत्तीसगढ़िया चुने हुए जनप्रतिनिधियों का ही वर्चस्व रहेगा क्योंकि यह स्थापित सत्य है कि छत्तीसगढ़ का निर्माण छत्तीसगढ़ियों के हितों की रक्षा के लिए किया गया है। अजीत जोगी ने परिभाषित किया था कि बाहर से आया हुआ कोई भी व्यक्ति यदि छत्तीसगढ़ की आन, बान और शान के लिए समर्पित एवं निष्ठावान है, उसे छत्तीसगढ़िया ही माना जाऐगा। प्रतिमाओं की स्थापना के विरोधियों का नाम सम्बन्धित पक्ष उजागर करें ताकि किसके कहने पर निगम के अधिकारी द्वारा प्रतिमा स्थल पर प्रतिमाओं के लिए अवरोध उत्पन्न किया था।
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