उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत से लेकर जिला स्तर तक के प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल आवश्यक है। ग्राम विकास की जिम्मेदारी एसडीएम, तहसीलदार और जनपद सीईओ की त्रिमूर्ति पर है। उन्होंने इन तीनों अधिकारियों से शासन की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की अपील की।
सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने का आह्वान
आयुक्त ने सामाजिक कुरीतियों और बुराइयों को विकास में बाधा बताते हुए ग्रामीणों से अपील की कि शराब को समाज से पूरी तरह खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि हर गांव में श्सर्व समाज सामूहिक विवाह समितिश् गठित की जाए ताकि विवाह समारोह में फिजूलखर्ची कम हो और समाज में आपसी भाईचारे को बढ़ावा मिले।
पर्यावरण संरक्षण और जलवायु पर जोर
श्री चुरेन्द्र ने जल, जंगल और जमीन के संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि किसानों को धान के साथ दलहन, तिलहन और बागवानी की फसलें भी लगानी चाहिए। इससे जल का संरक्षण होगा और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। उन्होंने पौधारोपण और जल संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए साफ पर्यावरण के लिए सामूहिक प्रयास की बात कही।
स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता
आयुक्त ने स्वच्छ भारत अभियान का उल्लेख करते हुए ग्रामीणों से हर घर में शौचालय निर्माण और नियमित उपयोग सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि स्वच्छता ही बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
ग्राम सभा की भूमिका महत्वपूर्ण
उन्होंने ग्राम सभा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर परिवार का एक सदस्य ग्राम सभा में भाग ले ताकि गांव के विकास की रणनीति बनाई जा सके। आत्मनिर्भर पंचायत के लिए श्रमदान और पंचायत भवन की साफ-सफाई पर भी उन्होंने विशेष जोर दिया।
इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने भी शासन की योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्लास्टिक मुक्त कोरिया अभियान में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की साथ ही घर में शौचालय निर्माण कर उसका उपयोग करें।
बैठक में बैकुण्ठपुर वनमण्डलाधिकारी श्रीमती प्रभाकर खलखों, जिला पंचायत सीईओ डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में सामाजिक कुरीतियों को दूर करने और ग्राम विकास की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए सभी ने अपने सुझाव साझा किए।