उत्तर-पश्चिम दिशा से चल रही बर्फीली हवाओं के कारण मंगलवार को कड़ाके की ठंड से जूझना पड़ा। धूप निकलने के बाद भी लोगों को ज्यादा राहत नहीं मिल सकी। न्यूनतम तापमान महज एक डिग्री सेल्सियस पर आने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। फसलों और घास पर पाले की परत दिखाई दी।
दो साल पहले भी दर्ज किया गया था 1.2 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान
कृषि विज्ञान केंद्र जगदीशपुर के अनुसार वर्ष 2021 में भी जनवरी में न्यूनतम तापमान 1.2 डिग्री दर्ज किया गया था। हालांकि उस दिन अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस था। वहीं वर्ष 2017 में जनवरी में सबसे कम 4 डिग्री व अधिकतम 25 डिग्री, 2018 में 6 डिग्री व 27 डिग्री, वर्ष 2019 में पांच डिग्री व 28 डिग्री, वर्ष 2020 में 3 डिग्री व 23 डिग्री और वर्ष 2022 में 6 डिग्री व 23 डिग्री रहा था।
गेहूं के अलावा अन्य फसल को नुकसान का अनुमान
गेहूं को छोड़कर अन्य फसलों में ठंड से नुकसान का अनुमान है। ऐसे में कृषि व बागवानी विभाग ने खेतों की सिंचाई करने व नमी बनाए रखने की सलाह दी है। सरसों, आलू व टमाटर की फसल को कोहरे से फफूंदी लगने का डर रहता है। जिससे बचाव की सलाह दी गई है। गेहूं व सरसों की फसलों में जरूरत के अनुसार खाद का इस्तेमाल करने के लिए कहा। अब गन्ने की कटाई शुरू की जा सकती है। जड़ों से पौधा बनने लायक तापमान रहेगा।
दो सप्ताह से तापमान कम रहने से लोग ठंड का सामना कर रहे हैं। अब सर्दी के मौसम से राहत मिलने लगेगी। वीरवार को तापमान में सुधार होने का अनुमान है। इससे लोगों को कंपकंपी से राहत मिलेगी। -डॉ. प्रेमदीप सिंह, मौसम वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र जगदीशपुर