गुजरात : सांप्रदायिक चेहरे का ही सहारा (आलेख : राजेंद्र शर्मा)
जैसा कि आसानी से अनुमान लगाया जा सकता था, अगले महीने के पहले हफ्ते में दो चरणों में होने जा रहे विधानसभाई चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के साथ, नरेंद्र मोदी की भाजपा ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि गुजरात में सरकार पर अपना कब्जा बनाए रखने के लिए, वह शब्दश: कुछ भी कर सकती है। कहने की जरूरत नहीं है कि इस ‘‘कुछ भी’’ में खुलकर बहुसंख्यकवादी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की अपनी तुरुप का उनका इस्तेमाल तो आता ही है। मोदी-शाह की तय की गई भाजपा उम्मीदवारों की सूची में से दो नाम खासतौर पर, इस सांप्रदायिक तुरुप के इस्तेमाल की उसकी बदहवासी को दिखाते हैं। इनमें पहला नाम, नरोडा पाटिया से घोषित भाजपा की उम्मीदवार, डा0 पायल कुकुरानी का है, जिन्हें निवर्तमान भाजपा विधायक, बलराम थवानी का टिकट काटकर, उनकी जगह उम्मीदवार बनाया गया है। और दूसरा नाम, चंद्रसिंह राउलजी का है, जिन पर मोदी-शाह की विशेष कृपा ...