न धर्मांध कट्टरपंथी सिर्फ काबुल में हैं, न उनके खिलाफ खड़ी मारवा अकेली हैं! (आलेख : बादल सरोज)
गुजरे बरस के आख़िरी दिनों का सबसे शानदार फोटो अफ़ग़ानिस्तान की एक 18 साल की युवती मारवा का है।
मक्का की एक पवित्र मानी जाने वाली पहाड़ी के नाम वाली यह मारवा काबुल यूनिवर्सिटी की गेट पर तालिबानी गार्डों के सामने पूरी निडरता और दृढ़ता के साथ एक चट्टान की तरह खड़ी हुयी तालिबानी सरकार द्वारा अफगानी लड़कियों के यूनिवर्सिटी में पढ़ने पर लगाई गई रोक के खिलाफ एकल प्रतिरोध कर रही है। वह अपने हाथ में एक पोस्टर लिए हुए है, जिस पर अरबी भाषा में "इक़रा" लिखा हुआ है, जिसका मतलब होता है : "पढ़ना" । युवती मारवा पढ़ना चाहती है और अपने जैसी बाकी अफगानी लड़कियों के पढ़ने की गारंटी चाहती है। उसका एहतजाज अफगानिस्तानी हुकूमत की लड़कियों की तालीम पर लगाई गयी रोक के खिलाफ है। ध्यान रहे कि अमरीकी कंधों पर बैठ अफगानिस्तान की हुकूमत में पहुँचे तालिबान ने लड़कियों के सैकंडरी स्कूल्स साल भर से बंद किये हुए हैं। इतना ही नहीं, अभी ...