अंतागढ़ सीट के इतिहास ने भानुप्रतापपुर में ली करवट
कांकेर। अंतागढ़ विधानसभा सीट का एक इतिहास अब भानुप्रतापपुर सीट पर करवट लेता नजर आ रहा है। अंतागढ़ में भाजपा द्वारा धनबल के दम पर खेले गए खेल का बदला लेने के लिए कांग्रेस के हाथ बड़ा कानूनी हथियार लग गया है। कहते हैं इतिहास लौटकर अपना असर दिखाता है। सचमुच इतिहास लौटता नजर आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि सन 2014 में अंतागढ़ विधानसभा सीट के लिए हुए उप चुनाव में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी मंतूराम पवार ने अचानक चुनावी मैदान छोड़ दिया था। तब आरोप लगे थे कि भाजपा ने धनबल के दम पर मंतूराम पवार को चुनाव मैदान से हटाया था। बाद में श्री पवार भाजपा में शामिल हो गए थे। अंतागढ़ सीट उस समय भाजपा ने जीत ली थी और कांग्रेस हाथ मलते रह गई थी। इस घटनाक्रम के आठ साल बाद अंतागढ़ के इतिहास की पुनरावृति भानुप्रतापपुर में हो रही है। राजनितिक घटनाओं में दिलचस्पी रखने वाले लोग अंतागढ़ की घटना को याद कर भानुप्रतापपुर की...