आदिवासी हितों 32% आरक्षण की मांग को लेकर साय का “उलगुलान” का आह्वान बंगले के बाहर धरना जुटे आदिवासी नेता भूपेश सरकार से आर पार की लड़ाई शुरू
डॉक्टर नंद कुमार साय पूर्व सांसद वरिष्ठ आदिवासी भाजपा नेता जिन्हे अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी समाज का मुखिया भी माना जाता है। IMNB न्यूज एजेंसी को बताया की जैसा की सर्वविदित है कि छत्तीसगढ़ राज्य जिसकी परिकल्पना की पृष्ठभूमि मैं यहां की समृद्ध आदिवासी संस्कृति और परंपरा रही है तथा भारतीय संविधान के अनुरूप यहां के जनजातीय समाज को उसके मूल स्वरूप के साथ समावेशी विकास यह पथ पर अग्रसर करने की भावना इस राज्य के स्वप्नदृष्टाओं ने अपनी आंखों में संजोया था। बावजूद इसके अध्ययन पीड़ा का विषय है कि राज्य के इतने बड़े वर्ग के साथ हमेशा से छलावा हुआ है संपूर्ण मध्य भारत के फेफड़ा हसदेव-अरण्य की कटाई और बस्तर के दर्द का प्रतिबिंब सिलगेर में आदिवासियों की नृशंसा हत्याओं से आज तक आदिवासी समाज सदमे में है वही देखते ही देखते सरगुजा और बस्तर में होने वाली तृतीय चतुर्थ वर्ग की भर्ती में स्थानीय निवासियों के आरक्ष...