Friday, April 19

वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल…नंदकुमार साय फिर बदलेगी राय

खबर है कि वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय जो हाल ही में भाजपा से कांग्रेस में आए हैं, ने संसद के नये भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किये जाने पर आपत्ति जताई है और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन कराए जाने की मांग की है।

नंदकुमार साय एक ऐसा नाम है जिसके राजनीति में सफल होने को एक आश्चर्य कहा जा सकता हैं। अमूमन अब तक ऐसे मासूम, स्वच्छ और नेक इंसान सियासती दांवपेंचों से दूर रहते हैं और कदाचित् यही कारण है कि वे वो मुकाम हासिल नही ंकर पाते जो वास्तव में उनके लायक होता है। हालांकि योगी आदित्यनाथ जैसे अपवाद भी होते हैं।
कुछ लोग इतने स्वच्छ और नेक होते हैं कि उनमें देवत्व का गुण पाया जाता है। सियासी मैदान में उनके अपने हांे या विरोधी इस बात से कोई इन्कार नही ंकर सकता कि साय निष्कपट और सेवाभावी हैं जो उन्हें आम राजनेताओं से अलग दिखाता है।
अटल बिहारी बाजपेयी, मोरारजी देसाई, लालबहादुर शास्त्री ऐसे उदाहरण हैं जो बिना छल-कपट के देशसेवा के भाव से इस राह पर चले तो पर छलियों ने उन्हें उलझाकर रख दिया और उनका पूरा लाभ देश को नहीं मिल पाया।
नंदकुमार साय भी उसी श्रेणी के हैं। शायद यही कारण है कि तमाम साफगोई और ईमानदारी होते हुए भी वे उनके उचित मुकाम तक नहीं पहुंचे हैं।

बघेल के साथ
मन नहीं लगेगा साय का

ऐसे में जब सारी सियासत तिकड़मों और जोड़-तोड़ पर आधारित है, जाहिर है कांग्रेस भी उससे अछूती नहीं है। बल्कि वरिष्ठ पार्टी होने के कारण ऐसे दांवपेंच यहां ज्यादा देखने को मिलते हैं। इसके अलावा कांग्रेस जिस आधार पर और जिनके भरोसे राजनीति में सफल होती आई है वे सारे रंगढंग भाजपा के लिये घोर अस्पृश्य हैं यानि भाजपा इन्हें अछूत मानती है। ये सारी चीजें भाजपा की लाईन से अलग हैं। इसलिये जाहिर तौर पर नंदकुमार साय को भी कांग्रेस के ‘प्रिय’ मुद्दों को अपनाने में भारी असुविधा होने वाली है।

अमरूद के पेड़ में आम

आम का पेड़ लगाओ तो आम ही लगेगा न कि अमरूद। बस एक लाईन में ये समझ लंे कि साय आम हैं और भाजपा आम का पेड़। यदि कांग्रेस को अमरूद का पेड़ माना जाए तो समझ लें कि आम कभी अमरूद के पेड़ पर नहीं लगता। साय को भी कभी कांग्रेस रास नहीं आएगी। कहा जा सकता है कि ‘फिर बदलेगी राय, लौटेंगे नंदकुमार साय’….

जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
mo. 9522170700

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *