केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए
यह MoU प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (PACS) को Common Service Centre (CSC) द्वारा दी जाने वाली सेवाएं प्रदान करने में समर्थ करेगा
आज हुए इस समझौते के अंतर्गत PACS अब सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) के रूप में कार्य करने के लिए सक्षम होंगी और PACS से जुड़े करोड़ों किसानों सहित ग्रामीण आबादी को इसके माध्यम से 300 से भी अधिक CSC सेवाएं उपलब्ध हो पाएंगी
देश की लगभग आधी से ज्यादा आबादी सहकारिता से किसी ना किसी रूप में जुडी हुई है, इसी कारण से PACS के Common Service Centre (CSC) बनने से इसकी सुविधाओं को देश के कोने-कोने व छोटे से छोटे गाँव तक पहुँचाया जा सकेगा
PACS सहकारिता की आत्मा हैं, इन्हें लगभग 20 सेवाओं से जोड़कर बहुद्देश्यीय बनाने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी
इस निर्णय से सहकार से समृद्धि और सहकारिता को ग्रामीण विकास की रीढ़ बनाने का प्रधानमंत्री मोदी जी का स्वप्न पूरा करने में मदद मिलेगी साथ ही इससे सहकारिता आंदोलन मजबूत होगा और किसान भी सशक्त होंगे
प्रधानमंत्री जी ने अगले 5 साल में 2 लाख PACS बनाने, हर पंचायत में एक बहुद्देश्यीय PACS की रचना और विश्व की सबसे बड़ी भंडारण योजना का प्रावधान इस वर्ष के बजट में किया है
नई दिल्ली (IMNB). प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सहकार से समृद्धि के स्वप्न को पूरा करने की दिशा में लिए गए एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत आज केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (PACS) को सामान्य सेवा केन्द्रों द्वारा दी जाने वाली सेवाएं प्रदान करने हेतु समर्थ करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड के बीच नई दिल्ली में इस समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर सहकारिता राज्यमंत्री श्री बी एल वर्मा, सहकारिता मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, सहकारिता मंत्रालय, नाबार्ड और एनसीडीसी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पैक्स सहकारिता की आत्मा हैं और इन्हे लगभग 20 सेवाओं के प्रदाता बनाकर बहुद्देश्यीय बनाने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़ग़ार के अवसरों में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और कृषि विकास में पैक्स की भूमिका और योगदान बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने इस समझौते को सबके लिए विन-विन सिचुएशन बताते हुए कहा कि इससे सहकार से समृद्धि और सहकारिता को ग्रामीण विकास की रीढ़ बनाने का प्रधानमंत्री मोदी जी का स्वप्न तो पूरा करने में मदद मिलेगी ही, साथ ही सहकारिता और किसान दोनों मज़बूत भी होंगे। श्री शाह ने कहा कि इससे सामान्य सेवा केन्द्रों (Common Service Centre -CSC) का कॉंसेप्ट देश की छोटी से छोटी इकाई तक बेहद सरलता से पहुंच सकेगा।
श्री अमित शाह ने कहा कि देश की लगभग 50 प्रतिशत आबादी किसी ना किसी रूप में सहकारिता से जुड़ी है और इतने बड़े सेक्टर के विकास को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र के सामने पैक्स को viable बनाना सबसे बड़ी समस्या थी और आज पैक्स की कार्यप्रणाली में कई नए आयामों को जोड़कर एक नई शुरूआत हुई है। श्री शाह ने बताया कि पैक्स अब जल वितरण, भंडारण, बैंक मित्र सहित 20 अलग-अलग गतिविधियां चला सकेंगे। उन्होंने कहा कि सबसे पहला और महत्वपूर्ण कार्य समान सेवा केन्द्र द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं को पैक्स के माध्यम से ग्रामीण आबादी को उपलब्ध कराना है।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में इस वर्ष के बजट में सहकारिता क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में अगले 5 साल में 2 लाख पैक्स बनाने और हर पंचायत में एक बहुद्देश्यीय पैक्स की रचना का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा बजट में सहकारिता क्षेत्र के लिए विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना की नींव भी रखी गई है। श्री शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का काम लगभग 70 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। इसके अलावा सभी स्टेकहोलडर्स के साथ चर्चा करके Model Bye-laws बनाकर सभी राज्यों को भेजे गए हैं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज हुए इस समझौते के अंतर्गत पैक्स अब सामान्य सेवा केंद्रों के रूप में कार्य करने के लिए सक्षम तो होंगी ही, इसके साथ ही पैक्स के 13 करोड़ किसान सदस्यों सहित ग्रामीण आबादी को पैक्स के माध्यम से 300 से भी अधिक सीएससी सेवाएं भी उपलब्ध हो पाएंगी। इसके अलावा इससे पैक्स की व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और उन्हें आत्मनिर्भर आर्थिक संस्था बनने में मदद मिलेगी। श्री शाह ने कहा कि इस पहल से पैक्स, सीएससी योजना के डिजिटल सेवा पोर्टल पर सूचीबद्ध सभी सेवाएं नागरिकों को प्रदान करने में सक्षम होंगी, जिनमें बैंकिंग, इंश्योरेंस, आधार नामांकन/अपडेट, कानूनी सेवाएं, कृषि-इनपुट जैसे कृषि उपकरण, पैन कार्ड और IRCTC, रेल, बस व विमान टिकट सम्बन्धी सेवाएँ, आदि शामिल हैंI उन्होंने कहा कि वर्तमान में चल रही पैक्स कम्प्यूटरीकरण की केंद्र प्रायोजित परियोजना के तहत विकसित किये जा रहे राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर का उपयोग पैक्स को सीएससी के रूप में कार्य करने के लिए भी किया जाएगा, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
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