प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव अपने खुले दिल के लिये और बेबाक बयानी के लिये जाने जाते हैं। वे जब भी बोलते हैं दिल से बोलते हैं। राजनैतिक छद्म नहीं होता, साफगोई होती है। नफा या नुकसान नहीं, सच या झूठ का हिसाब-किताब होता है। जहिर है उनके इस स्वभाव से उनकी अपनी पार्टी यानि कांग्रेस के नेता थोड़ा परेशान रहते हैं।
अभी हाल ही में उन्होंने भाजपा सरकार की स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छा काम करने के लिये तारीफ कर दी। उनके इस बयान को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लपक लिया। इस तरह सरकार के कामकाज में एक तमगा और लग गया। हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दीपक बैज ने इसे उनका व्यक्तिगत आंकलन बताकर मामले को संभालने की कोशिश की लेकिन तमगा तो लग चुका था अब लीपपोती करने सेक्या होगा?
संसद में राहुल के बोलने का असर
गुरूवार को संसद में बोलते हुए राहुल गांधी ने अपनी भारत यात्रा का उल्लेख किया
और
तमाम बिना बेस की बातों के बोलते हुए अपना आत्मविश्वास दिखाते हुए कहा कि आप घबराईये मत। मै आज अडानी पर नहीं बोलूंगा। आज मैं आप पर कोई गोला नहीं चलाउंगा।
इससे पहले भी राहुल गांधी ने एक बार कहा था कि मैं संसद मे बोलूंगा तो भूकम्प आ जाएगा। और सारा देश जानता है कि उन्होंने कई बार बोला, खूब बोला मगर नतीजा क्या निकला ?
देश अब उन्हें गंभीरता से नहीं लेता।
ईधर टीवी डिबेट में कांग्रेस प्रवक्ता इस बात पर मंत्री गिरिराज की खिंचाई करती हैं कि वे सोरोस को सरोज बोलते हैं, सोरोस तक ठीक से बोलना नहीं आता।
अरे भैया सरोज,सरोज बोलकर आपको राजनीति से इरेज ,{गायब} कर देंगे।
आप तो इस बात की चिन्ता करिये कि ये ‘सोरोस से सांठगांठ’ कांग्रेस का सर्वनाश न कर दे।
सिकुड़ती कांग्रेस इस मामले में बुरा फंसेगी
सर्वनाश कहना अतिशयोक्ति नहीं है। देश में 28 राज्यांे और 8 केंद्रशासित प्रदेशों में मात्र कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंघाना में कांग्रेस की सरकार है। यहां भी कर्नाटक में पदस्थ मुख्यमंत्री सिद्धारमैया लड़खड़ा रहे हैं, उनकी पत्नी पर अवैध रूप से जमीन हथियाने का मामला है।
बावजूद इसके कि उन्होंने जमीन वापस करने की पेशकश कर दी है वे ईडी की निगाह में तो आ ही गयी हैं।
और दूसरे दावेदार डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बनने की कतार में हैं। *साथ ही भाजपा दोनों को टंगड़ी मारकर खुद जमने के स्वाभाविक रूप से एक्टिव है।*
हिमाचल प्रदेश में भी सरकार स्थिर नजर नहीं आ रही है। यहां मंत्री विक्रमादित्य सिंह का कद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंग सुक्खी से बड़ा नजर आ रहा है।
कारण कि उन्होंने हिंदु बाहुल्य इलाकों में मस्जिदें, वो भी अवैध, बनाने पर आपत्ति कर दी। जहां-जहां मुस्लिम तुष्टीकरण की कांग्रेस की नीति का कांग्रेस के ही मंत्री ने विरोध किया वहां जनमानस ने उन्हें हाथोंहाथ उठा लिया।
उनकी लोकप्रियता में चार चांद लग गये।
*काश्मीर को अलग देश बताया है सोरोस की संस्था ने*
एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें कांग्रेस की भद्द पिट रही है। जाॅर्ज सोरोस नामक एक अमेरिकन और उनकी संस्था ने कसम खाई है कि वे भारत मे मोदी की सरकार को गिरा देंगे।
भारतविरोधी इनकी संस्था काश्मीर को अलग देश बताने से नहीं चूकती। सोरोस ने तो इस बात को खुलेआम कबूला है कि हजारों करोड़ रूप्ये उसने मोदी सरकार को हटाने के लिये जमा कर रखे हैं।
आश्चर्य जनक रूप् से सोरोस और भारत के विपक्ष के आरोपों मे समानता है। दोनों एक सी बातें कहते हैं।
यानि जाहिर है कि दोनों को साध्य और साधन एक ही हैं। दोनों ही भारत की मोदी सरकार को हटाने के मकसद से काम कर रही हैं और दोनों के पास मुद्दे भी सेम हैं। *आमतौर पर दिख तो ये रहा है कि सोरोस मुद्दे उठा रहा है और कांग्रेस उसे साकार रूप् दे रही है।*
दूसरी ओर भाजपा के लोग साफ तौर पर सोरोस से सोनिया गांधी की मिलीभगत और देशविरोधी गतिविधियों में गांधी परिवार के सदस्यों की संलिप्तता का दावा करते हैं।
ये दावे यूं ही हवा में नहीं लगाए जा रहे हैं। बल्कि ये कुछ ऐसे मामले हैं जिनमें जेल की सजा भी संभव है।
*वर्तमान सरकार के तेवर और कार्यप्रणाली को देखते हुए सोनिया और राहुल को जेल के खतरे से बाहर होने को दावा नहीं किया जा सकता है*
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जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषकमोबा. 9522170700‘बिना छेड़छाड़ के लेख का प्रकाशन किया जा सकता है*’—————————-