Monday, October 7

उज़्बेकिस्तान का दावा – भारतीय कफ़ सिरप से 18 बच्चों की मौत, भारत ने शुरू की जांच

उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मरने वाले 18 बच्चों ने कफ सिरप Doc-1 Max का सेवन किया था. यह दवा नोएडा स्थित Marion Biotech द्वारा बनाई जाती है.

भारत ने इस दावे के बाद जांच शुरू कर दी है.

साथ ही मंत्रालय ने कहा कि सिरप के एक बैच के लैब टेस्ट में ethylene glycol मिला है, जो कि एक जहरीला पदार्थ है.

बयान में यह भी कहा गया है कि बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के घर पर ही यह सिरप दी गई थी. यह सिरप बच्चों के माता-पिता ने या फार्मासिस्ट की सलाह पर दी गई. इसके साथ ही बच्चों के लिए इसकी मानक खुराक से ज्यादा खुराक दी गई है.

मंत्रालय ने साथ ही कहा कि यह पाया गया है कि अस्पताल में भर्ती कराए जाने से पहले बच्चों को 2-7 दिनों तक यह सिरप दी गई है. सिरप की खुराक एक दिन में तीन से चार बार 2.5 से 5 ml तक दी गई है, जो कि मानक खुराक से ज्यादा है.

बयान में कहा गया है कि 18 बच्चों की मौत के बाद देश की सभी फार्मेसियों से Doc-1 Max टैबलेट और सिरप हटा लिए गए हैं. इसके साथ ही सात कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है क्योंकि वे समय पर स्थिति को नहीं संभाल पाए और जरूरी कदम उठाने में नाकाम रहे.

भारत ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत को नोएडा स्थित दवा निर्माता की सिरप से जोड़ने के दावे के बाद जांच शुरू कर दी है.

अधिकारियों ने बताया कि सेंट्रल ड्रग्स रेगुलेटरी टीम ने उत्तर प्रदेश ड्रग्स लाइसेंसिंग अथॉरिटी से संपर्क किया है, ताकि दवा कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की जा सके.  यह भी पता चला है कि केंद्र और राज्य की ड्रग्स रेगुलेटरी टीमें ज्वाइंट इंक्वायरी करेंगी.

फार्मा कंपनी ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से कफ सिरप के सैंपल लिए गए हैं और हम टेस्ट रिपोर्ट्स का इंतजार कर रहे हैं.

साथ ही कहा गया है कि सिरप की मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को टेस्ट रिपोर्ट आने तक रोक दिया गया है.

उज्बेकिस्तान से भी बच्चों की मौत के दावे की रिपोर्ट मांगी गई है.

पिछले एक साल में दूसरी बार है कि भारतीय कफ सिरप जांच के दायरे में आई है. इससे पहले गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत को हरियाणा की  Maiden Pharmaceuticals निर्मित कफ सिरप से जोड़ा गया था.

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंर्डड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने अक्टूबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग स्टैंडर्ड के उल्लंघन को लेकर सोनीपत में इसकी यूनिट को बंद कर दिया था.

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