जल संरक्षण हेतु संरचना निर्मित करने पर दिया गया बल
धमतरी । जिलें में बीते दिन आयोजित जल जगार महोत्सव में फसल चक्र परिवर्तन से होने वाले लाभ एवं प्रभावों को रेखांकित करती प्रदर्शनी लगायी गयी थी, जिसमें जिले के विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थियों, किसानों और महिलाओं को फसल चक्र संबंधी जानकारी दी गयी। इस दौरान बताया गया कि बारिश के पानी को जंगलों से रोकते हुए टिकरा-भाठा में दलहन- तिलहन की फसल किस प्रकार ली जा सकती है। साथ ही रबी के सीजन में धान के बदले दलहन- तिलहन की फसल लेने पर भूमि पर पड़ने वाले प्रभाव, दलहन तिलहन की खेती से आर्थिक लाभ, पानी की बचत आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। प्रदर्शनी में उपस्थित अधिकारियों ने इन किसानों और स्कूली बच्चों को तालाब, डबरी, कुंआ, रैन वाटर हार्वेस्टिंग सहित अन्य जल संचयी संचनाओं का निर्माण कर पानी को धरातल में समाहित कर भूजल स्तर में वृद्धि करने संबंधी जानकारी दी। साथ ही लोगों को जल संरक्षण हेतु विभिन्न संरचना निर्मित करने प्रोत्साहित किया गया।
उल्लेखनीय है कि जल जगार महोत्सव की प्रदर्शनी में विभिन्न गैर संरकारी संगठनो द्वारा प्रदर्शनी लगायी गयी, जिसमें ओज संस्था द्वारा गौण वनोपज के कामों पर आधारित, प्रदान संस्था द्वारा आईएनआरएम मॉडल, एफईएस संस्था द्वारा सामुदायिक खेल, क्राप, वाटर आधारित गतिविधियां और विभिन्न फसलों में लगने वाली पानी की मात्रा के बारे में बताया गया। वहीं समर्थन संस्था द्वारा रैन वाटर हार्वेस्टिंग और क्लार्ट की प्रदर्शनी में धरती के भीतर की परतों में पानी की स्थिति को विडियों व प्रेजेन्टेशन के जरिये बताया गया। प्रदर्शनी देखने आये लोगों को प्रभावित भी किया और लोगों ने फसल चक्र परिवर्तन को अपनाकर खेती-किसानी करने की बात कही।