1994 में शुरू हुआ भोरमदेव महोत्सव 31 बरस के सफर में दर्शको से हुआ 50 फीट दूर

0 पूर्ववर्ती कलेक्टरों की जिद ने 3 दिवसीय महोत्सव को 2 दिवसीय किया
0 महोत्सव के नाम पर शासन देता है ऊंट के मुंह मे जीरा जैसा फंड
0 महोत्सव के नाम पर फंड का रोना रो रहा प्रशासन
0 बैग में जाती बैगा संस्कृति
0 राह से भटके महोत्सव को पटरी में लाने की कवायद में नेता जी
चंद्र शेखर शर्मा


कवर्धा -भोरमदेव में प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की तेरस को दशकों से बैगा आदिवासी बाबा भोले नाथ जिसे वे आदि देव बूढ़ादेव के रूप में पूजते है की विशेष पूजा अर्चना करते आ रहे है । इस दिन यहाँ दशको से भव्य और विशाल मेला भी भरते आ रहा है । इस मेले में शामिल होने आज भी दूर – दूर से बीहड़ जंगलो व दुर्गम पहाड़ीयो में बसे बैगा आदिवासी रात दिन पैदल , दुपहिया वाहन , ट्रेक्टर , मालवाहक वाहन के जरिये सपरिवार बाबा भोरमदेव का दर्शन कर पारंपरिक रीती रिवाजो से पूजन कर आशीर्वाद लेने एवं मेले का लुफ्त उठाने पहुचते है ।
मेले में शामिल होने बैगा आदिवासी अपनी परंपरिक वेश भूषा में साज श्रृंगार के साथ पहुंचते थे और अपनी पारंपरिक रितिरिवाजो से पूजा अर्चना करते थे । पर समय के साथ बदलाव भी आये है ।आधुनिकता की छाप भी धीरे धीरे पड़ने लगी है ।
ज्ञातव्य हो की पहली बार भोरमदेव महोत्सव वर्ष 1994 में 27 ,28 व् 29 मार्च को अविभाजित मध्यप्रदेश में तत्कालीन राजनांदगांव कलेक्टर अनिल जैन की अध्यक्षता में प्रारम्भ हुआ था । उस समय कवर्धा के एस डी ओ राजस्व निसार अहमद हुआ करते थे । पहले भोरमेदेव महोत्सव में 2 दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम तो भोरमेदेव मंदिर क्षेत्र में होते थे परंतु तीसरे दिन साहित्यिक गतिविधिया कवि सम्मेलनकवर्धा में हुआ करती थी जो अब जिला मुख्यालय बन चुका है ।
प्रथम भोरमदेव महोत्सव में साऊथ ईस्टर्न कल्चरल सोसायटी द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमो को काफी सराहा गया था । विशेष रूप से माया जाधव और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमो को सराहा गया था जिसकी चर्चा काफी दिनों तक होती रही । महाराष्ट्रियन लोक नृत्य व गीत लावणी ने बेतहाशा तालिया बटोरी थी । महीनो उक्त कार्यक्रम आम लोगो के बीच चर्चा का विषय बना रहा था ।
भोरमेदेव महोत्सव के इन 31 बरस के सफ़र में समय के साथ आदिवासियों के पारंपरिक मेले का सरकारीकरण होने से समय के साथ साथ शास्त्रीय संगीत व नृत्य लोक गीत नृत्य के साथ साथ मुम्बइया ठुमके भी लगने लगे और आदिवासियो का पारंपरिक मेला आज भोरमेदेव महोत्सव के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर अपनी पहचान बना चुका है परंतु रंगबिरंगी लाईटो और डीजे आर्केस्ट्रा की धुन और मुम्बईया ठुमके के बीच आधुनिकता की दौड़ , विकास की चकाचौंध के आगे टिमटिमा रही आदिवासी संस्कृति व सभ्यता अपनी पहचान धीरे धीरे खोती जा रही है ।
खाना पूर्ति के नाम पर कुछ वर्षो से प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के चलते भोरमदेव महोत्सव के मूलरूप रंग और ढाल आधुनिक तौर तरीको से आयोजित करने की परम्परा शुरू हुई । शुरूआत के कुछ वर्षों में बैगा आदिवासियों को अपने मूल संसकृति से जुड़े नृत्य रीती रिवाज एवं गीतों को प्रदर्शन करने मंच मिलता रहा परंतु धीरे-धीरे महोत्सव आयोजन में घुसी राजनीति में बैगा आदिवासियों को मंच से दूर कर दिया गया । नाम को एकाध कार्यक्रम वह भी प्राइम टाइम को छोड़ कर जब भीड़ कम हो या शहरिया लोग कम होते है तब एकाध कार्यक्रम करा खाना पूर्ति कर ली जाती है ।
शासन प्रशासन द्वारा भले ही छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं सभ्यता को बचाने के नाम पर लाखों रूपये पानी की तरह बहाये जा रहा हैं परंतु विगत के कुछ वर्षों के अनुभव से भोरमदेव महोत्सव छत्तीसगढ़ की सभ्यता एवं सस्कृति से दूर बालीवुड की चमक-धमक की ओर आकर्षित हो मुंबईया ठुमकों का मंच बनता दिख्र रहा है । पुर्व के वर्षो से आयोजन के दौरान फिल्मी गानों पर भोरमदेव महोत्सव आयोजन समिति एवं तीर्थ प्रबंधकारिणी कमेटी के साथ-साथ अधिकारी भी बीड़ी जलइले ले जैसे संस्कृति और सभ्यता पर बदनुमा दाग रूपी गानो पर झूमते देखे जा चुके है । तत्कालीन जी हुजूरी में लगे अधिकारी एवं चाटुकार जनप्रतिनिधियों की टोली व प्रबंधन समिति की कथित सहमति से 3 दिवसीय होने वाला भोरम देव महोत्सव 2 दिवसीय कर दिया गया । जबकि गणमान्य नागरिक तीन दिवसीय करने की माग आज भी करते आ रहे है । जी हुजूरी में लगे समिति के तत्कालीन सचिव नक्सलियों का खतरा बता कर 2 दिन करने की बात करते थे तो तत्कालीन जिलाधीश महोदय वित्तीय वर्ष मार्च की समाप्ति का सप्ताह का हवाला दे दो दिन करने का तर्क देते रहे थे । काबिले गौर है कि भोरमदेव महोत्सव अक्सर मार्च के अंतिम सप्ताह और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ही अक्सर होते रहा है ।
वैसे अबकी बार शिव भजनों से चर्चा में आये अंतरराष्ट्रीय गायक हंसराज रघुवंशी के गीतों से भोरमदेव परिसर गूंजेगा तो शास्त्रीय गीत गजल व नृत्य के जरिये भी कलाकार अपनी कला प्रदर्शन करेंगे साथ ही स्थानीय संस्कृति के मद्देनजर नाचा का रातभर का मंचन मेले में रुकने वालो के लिए मनोरंजन का साधन होंगे ।
नृत्य भजन और मनोरंजन के बीच नेताओ की चिंता में नक्सलियों का हवाला दे महोत्सव के 31 बरस के सफर में पहली बार मुख्यमंत्री , व मंत्री की सुरक्षा के नाम पर महोत्सव मंच के सामने लगभग 45 से 50 फिट का सुरक्षा घेरा प्रशासनिक भाषा मे डी का निर्माण दर्शकों को मंच से 45 से 50 फिट दूर कर दिया गया । बेहतर यातायात व्यवस्था व व्ही व्ही आई पी की सुरक्षा के मद्देनजर अलग अलग रूट तय किये गए है । मंदिर तक पहुंच मार्ग प्रदेश के राजनीति के सिरमौर जनप्रतिनिधियों के आगमन व स्वागत की तैयारियों के बीच अपनी बदहाली को ले आँसु बहा रहा है फंड का रुदाली रुदन के बीच डामर और सीसी की जगह स्टोनडस्ट व मुरम से काम चलाया जा रहा है जो लक्जरी ऐसी युक्त चार पहिया वाहनों में आने वाले माननीयों के पैरों में तो नही किंतु पैदल दर्शन को आने वाले आम भक्तों के पैरों जरूर चुभेंगे ।

  • Related Posts

    उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने हिंदू नववर्ष पर की महाआरती, भव्य झांकी और राम दरबार के दर्शन किए

    कवर्धा, 31 मार्च 2025। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा आज हिंदू नववर्ष के पावन पर्व पर एकता चौक पहुंचे, जहां उन्होंने भारत माता और नव दुर्गा माता की महाआरती की। इस…

    प्रधानमंत्री आवास योजना में कबीरधाम अव्वल ग्रामीणों का अपना घर पाने का सपना हुआ साकार

    *उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा के प्रयास रंग लाए,10 हजार से अधिक परिवारों का होगा गृह प्रवेश* *चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर मिलेगा जीवन का सबसे बड़ा उपहार, कबीरधाम के हजारों ग्रामीणों…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    पर्यावरण के नियमों की अनदेखी कर लौह अयस्क उत्खन करने वाली कंपनी पर कार्रवाई की मांग

    पर्यावरण के नियमों की अनदेखी कर लौह अयस्क उत्खन करने वाली कंपनी पर कार्रवाई की मांग

    उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने हिंदू नववर्ष पर की महाआरती, भव्य झांकी और राम दरबार के दर्शन किए

    उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने हिंदू नववर्ष पर की महाआरती, भव्य झांकी और राम दरबार के दर्शन किए

    प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने किया सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना कार्य का शुभारंभ

    प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने किया सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना कार्य का शुभारंभ

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भगवान झूलेलाल की शोभायात्रा का फूलों से किया भव्य स्वागत

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भगवान झूलेलाल की शोभायात्रा का फूलों से किया भव्य स्वागत

    मुख्यमंत्री ने ईद-उल-फितर की दी मुबारकबाद

    मुख्यमंत्री ने ईद-उल-फितर की दी मुबारकबाद

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वरिष्ठ पत्रकार स्व. मधुकर खेर की पुण्यतिथि पर किया नमन

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वरिष्ठ पत्रकार स्व. मधुकर खेर की पुण्यतिथि पर किया नमन