इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया में प्रसारित राजनैतिक विज्ञापनों का प्रमाणन जरूरी

*नगरीय निकाय निर्वाचन*

*मतदान से अंतिम 48 घंटे ़पहले प्रकाशित होने वाले प्रिंट मीडिया विज्ञापनों का भी कराना होगा प्रमाणीकरण*

*मीडिया प्रमाणन एवं मीडिया अनुवीक्षण समिति को देना होगा आवेदन*

धमतरी 21 जनवरी 2025/ नगरीय निकाय निर्वाचन के दौरान महापौर और नगरपंचायतों में अध्यक्ष पदों के लिए निर्वाचन लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देश अनुसार मतदान के अंतिम 48 घंटों में प्रकाशित होने वाले सभी राजनैतिक विज्ञापनों का प्रमाणन, मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) से अनिवार्य रूप से कराना होगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया में राजनैतिक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से जारी किए जाने वाले विज्ञापनों का प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा। इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी सुश्री नम्रता गांधी ने जरूरी निर्देश भी जारी किए है।
धमतरी जिले में नगरनिगम में महापौर और नगर पंचायतों में अध्यक्ष पदों पर निर्वाचन के लिए 11 फरवरी मंगलवार को मतदान होगा। इसे देखते हुए 9 फरवरी और 10 फरवरी को प्रिंट मीडिया में प्रकाशित किए जाने वाले तमाम राजनीतिक विज्ञापनों को जिला पर गठित प्रमाणन व मीडिया निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व-प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए है। इन दोनों दिन राजनीतिक लाभ लेने व मतयाचना के लिए राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों द्वारा समाचार-पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराया जाता है।
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार हर जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जिला स्तर पर एमसीएमसी कमेटी गठित है। नगरीय निकाय निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी अपने राजनीतिक विज्ञापनों को जिला स्तरीय समिति से प्रमाणीकरण करा सकते हैं। इसके लिए प्रत्याशियों को विज्ञापन के प्रारूप की तीन प्रतियों के साथ निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मीडिया प्रमाणन का मूल आधार आदर्श आचार संहिता के पालन से जुड़ा है। मीडिया में ऐसा कोई विज्ञापन नहीं दिया जाएगा जो सामाजिक समरसता को बिगाड़ने अथवा तनाव को बढ़ाने, शांति भंग करने, संविधान और कानून के विपरीत, नैतिकता, सदाचार के विपरीत हो। किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाले विज्ञापनों के प्रकाशन पर भी रोक रहेगी। कलेक्टर ने बताया कि मतदान के 48 घंटे पहले प्रकाशित होने वाले राजनैतिक विज्ञापनों का समिति द्वारा प्रमाणन कराया जाना आवश्यक है। इन विज्ञापनों में प्रिंट मीडिया, टीवी चैनल, केबल टीवी चैनल, रेडियो (निजी एफएम सहित), सिनेमा घर, ई-समाचार पत्र, बल्क एवं वाईस एसएमएस एवं सार्वजनिक स्थलों पर दृश्य-श्रव्य माध्यम शामिल है।

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