चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम बदलेगी छत्तीसगढ़ सरकार

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐतिहासिक शहरों चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम बदलने का फैसला किया है. राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के महापुरुषों तथा आस्था के केंद्रों को जनभावनाओं के अनुरूप नई पहचान देने के लिए राज्य के तीन स्थानों चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम बदलने का निर्देश दिया है.

उन्होंने बताया कि अब चंदखुरी को माता कौशल्याधाम चंदखुरी, गिरौदपुरी को बाबा गुरू घासीदास धाम गिरौदपुरी और सोनाखान को शहीद वीरनारायण सिंह धाम सोनाखान के नाम से जाना जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि अनेक जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग लंबे समय से इन स्थानों का नाम बदलने की मांग कर रहे थे, अब राज्य शासन द्वारा जल्द ही राजपत्र में इन तीनों स्थानों के नए नामकरण संबंधी अधिसूचना का प्रकाशन किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि संसदीय सचिवों चंद्रदेव राय, गुरुदयाल सिंह बंजारे, इंद्रशाह मंडावी, यू.डी. मिंज तथा विधायकों– बृहस्पतिसिंह, गुलाब सिंह कमरो और डॉक्टर विनय जायसवाल ने आज मुख्यमंत्री से जनभावनाओं के अनुरूप गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम बदलने का आग्रह करते हुए अपना पत्र सौंपा था. वहीं छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने भी जनआस्था को देखते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चंदखुरी का नाम माता कौशल्याधाम चंदखुरी करने का अनुरोध किया था. मुख्यमंत्री ने इन मांगों पर निर्णय लेते हुए इन स्थानों के नए नामकरण का निर्देश दिया है.

अधिकारियों ने बताया कि रायपुर से लगे चंदखुरी में विश्व का इकलौता कौशल्या माता मंदिर है. वहां माता कौशल्या के साथ भगवान श्रीराम अपने बाल रूप में विराजमान हैं. छत्तीसगढ़ को माता कौशल्या का मायका और श्रीराम का ननिहाल माना जाता है.
उन्होंने बताया कि बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में स्थित गिरौदपुरी सतनाम पंथ के लाखों अनुयायियों की आस्था का केंद्र है. यह बाबा गुरू घासीदास की जन्मस्थली और तपोभूमि है. सतनाम समाज और स्थानीय लोग लंबे समय से गिरौदपुरी को बाबा गुरू घासीदास धाम गिरौदपुरी के नाम से प्रतिष्ठित करने की मांग कर रहे थे.

अधिकारियों ने बताया कि बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में ही स्थित सोनाखान 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीरनारायण सिंह के नाम से जाना जाता है. अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तारी के बाद 10 दिसम्बर 1857 को उन्हें रायपुर के जयस्तंभ चौक में फांसी दे दी गई थी. सोनाखान में जन्मे ंिबझवार जनजाति के शहीद वीरनारायण सिंह की वीरता और गरीबों के लिए संघर्ष को अक्षुण्ण रखने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि लंबे समय से सोनाखान का नाम उनके नाम से जोड़ने की मांग कर रहे थे.

  • Related Posts

    राजनीतिक प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठकर लोकहित और लोक कल्याण को दें प्राथमिकता – राज्यपाल रमेन डेका

    *राज्यपाल के मुख्य आतिथ्य में उत्कृष्टता अलंकरण समारोह संपन्न* *उत्कृष्ट विधायक के रूप में श्रीमती भावना बोहरा और श्री लखेश्वर बघेल सम्मानित* *उत्कृष्ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए डॉ. राकेश कुमार…

    Read more

    कलेक्टर मिश्रा ने मेगा फुड पार्क का किया निरीक्षण

    लो वोल्टेज और पानी की समस्या से जल्द मिलेगी निजात धमतरी । कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने आज धमतरी जिले के मेगा फूड पार्क बगौद का अवलोकन किया। कलेक्टर श्री…

    Read more

    You Missed

    जिले में अब तक 309.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    ए हेल्प योजनांतर्गत पशुसखियों का 17 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

    ए हेल्प योजनांतर्गत पशुसखियों का 17 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

    शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मणिपुर वार्ड में संकुल स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का हुआ आयोजन

    शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मणिपुर वार्ड में संकुल स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का हुआ आयोजन

    प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार हेतु 31 जुलाई तक कर सकते हैं आवेदन

    प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार हेतु 31 जुलाई तक कर सकते हैं आवेदन

    जिला पंचायत सदस्यों के तीन दिवसीय आधारभूत एवं अभिमुखीकरण प्रशिक्षण की हुई शुरुआत

    जिला पंचायत सदस्यों के तीन दिवसीय आधारभूत एवं अभिमुखीकरण प्रशिक्षण की हुई शुरुआत

    फ्रेजरपुर में न्यायिक अधिकारियों के शासकीय आवास निर्माण हेतु भूमि आबंटन के संबंध में दावा आपत्ति 18 जुलाई तक

    फ्रेजरपुर में न्यायिक अधिकारियों के शासकीय आवास निर्माण हेतु भूमि आबंटन के संबंध में दावा आपत्ति 18 जुलाई तक