राज्यपाल विश्व सिकल सेल दिवस पर मंडला में संगोष्ठी में हुए शामिल
भोपाल (IMNB). राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए व्यापक जागरूकता आवश्यक है। सिकल सेल एनीमिया के प्रभावी रोकथाम के लिए प्रबंधन अैर इलाज में हर समुदाय और व्यक्ति को सहभागी बन कर मानवता की सेवा करनी होगी। राज्यपाल श्री पटेल विश्व सिकल सेल दिवस पर 19 जून को मंडला के सेमरखापा के एकलव्य परिसर में संगोष्ठी और स्क्रीनिंग केम्प को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मानव सेवा ही प्रभु की सेवा है। सिकल सेल एनीमिया के इलाज के नेक काम में हर कोई यथा-संभव सहयोग करे। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी और वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसे पूरा करने के लिए हम सभी को आगे आना होगा और सरकार का सहयोग करना होगा।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया अनुवांशिक रोग है। इसके उन्मूलन के लिए हर परिवार में जाकर कॉउंसलिंग एवं स्क्रीनिंग करना होगा। साथ ही आँगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की जाँच करते समय उनके परिवार की बीमारी का इतिहास भी पता करना होगा। उन्होंने कहा कि आँगनवाड़ी केन्द्र, प्राथमिक, माध्यमिक, हायर सेकेंडरी स्कूल और कॉलेजों में जाकर बच्चों की भी समय-समय पर सिकल सेल एनीमिया की जाँच करनी होगी। उन्होंने केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों और नीतिगत प्रावधानों की जानकारी भी दी। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए बजट में 15 हज़ार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। राज्य शासन ने भी सिकल सेल उन्मूलन जागरूकता और प्रबंधन के लिए राज्य हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन की स्थापना की है और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से अन्य कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
योग एवं खानपान का रखें विशेष ध्यान
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया से प्रभावित बच्चे नियमित योग एवं कसरत करें। घर के पौष्टिक खाने को महत्व दें और सादा सात्विक भोजन करें। उन्होंने बच्चों को फास्ट फूड एवं अन्य तेलीय आहार के सेवन से बचने की सलाह भी दी। राज्यपाल श्री पटेल ने केन्द्र एवं राज्य सरकार की बेटियों एवं महिलाओं के सशक्तिकरण की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी।
केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, आईसीएमआर सहित अन्य तकनीकी संस्थाओं के साथ समन्वय कर सिकल सेल रोग की जाँच में प्रगति लाए। उन्होंने जनजाति बहुल क्षेत्रों में सिकल सेल की जाँच के लिए सघन कार्यक्रम चलाने की बात कही। प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन, स्क्रीनिंग और प्रबंधन के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी।
सिकल सेल जागरूकता प्रदर्शनी का अवलोकन
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्क्रीनिंग, जाँच और जागरूकता के लिए प्रदर्शनी भी लगाई गई। राज्यपाल श्री पटेल ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने सिकल सेल की जाँच में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की चिकित्सकों से जानकारी ली। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं राष्ट्र गान के साथ हुआ। संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने सिकलसेल एनीमिया रोग के लक्षण, बचाव तथा प्रबंधन के लिए निर्धारित प्रक्रिया एवं राज्य शासन के सिकल सेल उन्मूलन कार्यक्रमों की पीपीटी से जानकारी दी। राज्य सरकार के सिकलसेल के इलाज के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रमों से लाभान्वित होने वाली 2 बेटियों अर्चना मानिकपुरी एवं प्राची झारिया ने अपने अनुभव बताए और सरकार से मिले सहयोग के लिए आभार माना।
कार्यक्रम में विधायक सर्वश्री देवसिंह सैयाम, डॉ. अशोक मर्सकोले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संजय कुशराम सहित जन-प्रतिनिधि, प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर, आयुक्त स्वास्थ्य डॉ. सुदाम खाड़े, आयुक्त जबलपुर संभाग श्री अभय वर्मा, आईजी बालाघाट श्री संजय सिंह, डीआईजी बालाघाट श्री मुकेश श्रीवास्तव, सहित वरिष्ठ अधिकारी, सिकलसेल से प्रभावित बच्चे और परिजन उपस्थित रहे।