योजना से सैकड़ों एकड़ खेतों में छायी हरियाली
महासमुंद । राज्य शासन की लघुत्तम सिंचाई तालाब निर्माण योजना से सूखे खेतों में पहली बार पानी पहुंचा है। जिससे सैकड़ों एकड़ सूखे और दरार पड़े खेतों में हरियाली छायी है। किसान अब यहां धान की फसल लेकर अपनी आजीविका सुदृढ़ कर रहें हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन की झलक सरायपाली अंतर्गत ग्राम टिभुपाली में वर्ष 2023-24 में कृषि विभाग द्वारा खोदे गए लघु तालाब से किसानों की जिंदगी में खुशी झलक रही है। ग्राम टिभुपाली में वर्ष 2023-24 में लघुत्तम सिंचाई तालाब निर्माण योजना अंतर्गत 43.79 लाख रुपए की लागत से तालाब खोदा गया। यहां पहली बरसात में तालाब लबालब हो गया। इससे तालाब के नीचे खेतों में हरियाली बिखर गई। अब यहां के किसान खरीफ में पहली बार धान की फसल ले रहें हैं। तालाब से लगभग 56 किसानों को 39.50 हेक्टेयर क्षेत्र में लाभ होगा।
ग्राम टिभुपाली के किसान श्री विपिल पटेल, रीतु पटेल, शोभित धु्रव, मोनू बरिहा ने बताया कि उनके खेत पहले भर्री किस्म के थे। जिसमें कभी-कभी कुछ फसल लगा दिया करते थे। लेकिन पूरी तरह बरसात के पानी पर और भगवान भरोसे निर्भर रहना पड़ता था। किसान विपिल पटेल जिनकी 6 एकड़ की खेती है ने बताया कि वे पहली बार अपने खेत में धान की फसल लिए है और इस सीजन में भी अच्छी फसल की उम्मीद है। इसी तरह रीतु पटेल के 2 एकड़ खेत, शोभित ध्रुव के 1.50 एकड़ खेत एवं मोनू ध्रवु के 3 एकड़ खेत में धान की फसल लहलहा रही है। ग्राम के सरपंच श्री मोती पटेल ने भी बताया कि इससे फिरहाल 35 एकड़ में सिंचाई हो रही है। 10 किसानों को सीधा फायदा मिल रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को इस सफल योजना के लिए धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया है।
इसी तरह पिथौरा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम अरण्ड में इसी वर्ष तालाब खनन का कार्य किया गया है। यहां के किसानों ने बताया कि इस क्षेत्र में लगभग फसल नहीं हो पाती थी और अंतिम सिंचाई के लिए नाले के पानी पर निर्भर रहना पड़ता था। तालाब खनन से करीब 30 एकड़ खेतों में सिंचाई हो रही है। अरण्ड के सरपंच श्री देवराज सिंह ठाकुर ने बताया कि तालाब खनन से दोहरा फायदा हुआ है एक तो आसपास के क्षेत्र में भू जल का स्तर बढ़ा है वहीं दूसरी ओर फसल पकने के पूर्व अंतिम सिंचाई के लिए किसान निश्चिंत है। उन्होंने क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त किया है।