महासमुंद । कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देश पर आज समय-सीमा की बैठक में स्वाइन फ्लू से बचने एवं सतर्कता बरतने संबंधी सामान्य निर्देश सीएमएचओ डॉ. पी. कुदेशिया द्वारा दिए गए। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू, जिसे एच1एन1 फ्लू’’ भी कहा जाता है, एक वायरस जनित श्वसन संक्रमण है। यह इन्फ्लूएंजा वायरस के एच1एन1 स्ट्रेन के कारण होता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या संक्रमित सतहों को छूने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति सामान्यतः एक सप्ताह के भीतर सामान्य उपचार से स्वस्थ हो जाता है, परन्तु उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों जैसे गर्भवती महिलायें, पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चे, 65 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्ध एवं किसी अन्य रोग से ग्रसित व्यक्तियों में इस संक्रमण की जटिलताएँ होने की सम्भावना होती है।
लक्षण : स्वाइन फ्लू के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं, लेकिन इनमें कुछ अतिरिक्त लक्षण भी शामिल हो सकते हैं। जिसमें बुखार (आमतौर पर 100°थ् से अधिक), सर्दी और खांसी, गले में खराश, सिर दर्द, शरीर में दर्द और थकावट, ठंड लगना, नाक बहना या बंद होना, उल्टी या दस्त (कुछ मामलों में) शामिल है।
बचाव एवं सुरक्षा : छींकते एवं खांसते समय मुंह को रूमाल / कपड़े से अवश्य ढकें। नियमित रूप से दिन में कई बार हाथों को साबुन / साफ पानी से धोएं। सार्वजनिक जगहों पर न थूकें।बुखार, खांसी, जुकाम, छींक, गले में खराश, आंखों में लाली, सांस लेने में कठिनाई के लक्षण वाले व्यक्ति से कम से कम 01 मीटर दूरी अवश्य बनाकर रखें। हाथ मिलाना, गले लगाना, चूमना आदि से बचें। यदि आपको फ्लू के लक्षण लगें तो घर पर ही रहें, स्कूल, कार्यालय अथवा भीड़ वाले स्थानों पर न जाएं तथा निष्प्रयोज्य सामग्री का उचित निस्तारण करें।
घर पर उपचार : स्वाइन फ्लू के उपचार में कुछ सामान्य घरेलू देखभाल के निर्देश दिए गए हैं। सामान्य लक्षण वाले मरीज जिन्हें अस्पताल से होम आइसोलेशन की सलाह के साथ डिस्चार्ज किया गया है उन्हें 07 दिवस तक होम आइसोलेशन में रहना चाहिए। साथ ही शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। इसलिए, पानी, नारियल पानी, या फलों के रस जैसी चीजें पिएं। शरीर को पर्याप्त आराम दें ताकि वह वायरस से प्रभावी ढंग से लड़ सके। हाइजीन का ध्यान रखें’’ः बार-बार हाथ धोएं, छींकते और खांसते समय मुंह और नाक को ढकें। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें, और यदि आप संक्रमित हैं तो दूसरों के संपर्क में आने से बचें तथा इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें। फलों, सब्जियों और प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं। घर में कमरे की खिड़की खुली रखें ताकि बाहर की साफ हवा आयें।
संक्रमण अवधि सामान्यतः 1-02 दिवस – संक्रमण का प्रसार संक्रमित व्यक्ति में लक्षण प्रारंभ होने के 3-05 दिवस तक अन्य व्यक्तियों में हो सकता है। संक्रमण का प्रसार सामान्यतः संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से ड्रॉपलेट इंफेक्शन के माध्यम से होता है।
स्वाइन फ्लू से बचावः उन्होंने बताया कि इन्फ्लुएंजा वायरस के लिए (स्वाइन फ्लू वैक्सीन) टीकाकरण उपलब्ध है, जो संक्रमण से बचाव में मदद करता है। नियमित रूप से हाथ धोएं और भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनें। पर्याप्त नींद लें, संतुलित आहार का सेवन करें और नियमित रूप से व्यायाम करें। अगर किसी व्यक्ति में स्वाइन फ्लू के गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, या अत्यधिक कमजोरी, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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