पांच साल बीत जाने के बाद भी पेंशनर का पेंशन पेमेंट आर्डर (पीपीओ) जारी नहीं

*●सभी क्लेम रुके हुए है*

*● वित्त विभाग में अपलेखन की फाइल एक साल से पेंडिंग*

*● बदइंतजामी-लालफीताशाही का खामियाजा भुगत रहा है पेंशनर*

स्वास्थ्य विभाग में धमतरी जिले के आदिवासी क्षेत्र नगरी से शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद स्वास्थ्य विभाग का एक कर्मचारी डी के त्रिपाठी संयुक संचालक कोष लेखा व पेंशन रायपुर से पीपीओ(पेन्शन पेमेंट आर्डर) जारी कराने के लिये चार साल से वित्त विभाग और स्वास्थ्य संचालनालय का चक्कर लगा लगाकर परेशान हैं। परन्तु प्रकरण के निराकरण में वित्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन और स्वास्थ्य संचालनालय के बदइंतजामी, लापरवाही और लालफीताशाहीपूर्ण माहौल का खामियाजा पेंशनर को भुगतना पड़ रहा है। पांच साल में हाईकोर्ट के निर्देश पर आधिक्य भुगतान पर वसूली न करने का प्रकरण की फाइल चार साल तक संचालनालय से अपलेखन के प्रशासकीय स्वीकृति हेतु बगल में स्थित मंत्रालय नही भेजा जा सका है और जब भेजा गया एक साल से अधिक समय से वित्त विभाग में अपलेखन की फाइल को उलझा उलझा कर वहां के अधिकारी कर्मचारी मजाक बनाकर रखे हुए हैं। अपलेखन के मामले पर वित्त विभाग में प्रकरण के लम्बित रहने के कारण संबंधित पेंशनर को अप्रत्याशित पेंशन के अलावा कोई क्लेम नही मिल सका है। पूरा पेंशन के साथ सारा क्लेम के इंतजार में भूखों मरने की स्थिति में भी सरकार में कोई सुनने वाला नहीं है।उक्त आरोप जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने लगाया है।
जारी विज्ञप्ति में नामदेव ने आगे बताया है कि पांच साल पहले सेवानिवृत होने के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी धमतरी द्वारा सम्बंधित को अवगत कराया गया कि विभागीय त्रुटि से उन्हें सेवाकाल में अधिक राशि का भुगतान हो गया है उस पर कोष लेखा व पेंशन विभाग द्वारा सेवा पुस्तिका के सत्यापन में आपत्ति दर्ज कर वसूली करने को कहा गया है। करे कोई और भरे कोई वाली कहावत चरितार्थ होने पर रिटायर कर्मचारी डी के त्रिपाठी ने मजबूर होकर एडव्होकेट अभिषेक पाण्डे के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर में वाद दायर किया। हाईकोर्ट ने 28/3/19 को वसूली पर रोक के आदेश जारी कर दिये परन्तु हाईकोर्ट के इस फैसले पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ शासन से संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन को वसूली पर रोक सम्बन्धी कोई आदेश निर्देश जारी नही किये जाने के कारण ट्रेजरी ने पेंशन पेमेन्ट आर्डर(पीपीओ) जारी करने से मना कर दिया । तब सम्बंधित पेंशनर द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी धमतरी को हाईकोर्ट द्वारा जारी निर्देश अनुसार वसूली पर रोक का हवाला देकर इस पर तुरंत कार्यवाही बाबत आवेदन दिया।उस आवेदन के आधार पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी धमतरी ने 7/10/21 को संचालक स्वास्थ्य सेवाएं अटल नगर नवा रायपुर को पत्र भेजकर हाईकोर्ट के निर्णय पर अधिक भुगतान के वसूली पर नियमानुसार कार्यवाही करने को लिखा है। प्रकरण पर आदेश प्रशासकीय विभाग मंत्रालय से जारी होना है, परन्तु प्रकरण की नस्ती स्वास्थ्य संचालनालय में ही अक्टूबर 21 से लगभग 4 साल वहीं अटका रहा और अब लगभग 1 साल से वित्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन में अनिर्णय के हालत में पेंडिग है। पेन्शनर नगरी से नवा रायपुर तक चक्कर काट कर थक चुका है।मगर कोई सुनने वाला नहीं है।
इसी तरह का स्वास्थ्य विभाग का ही कृष्णा लाल साहू का एक अन्य प्रकरण बलौदा बाजार – भाटापारा जिले का संघ के सामने आया जो लगभग तीन साल से आधिक्य वसूली पर रोक का हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर लाकर स्वास्थ्य संचालनालय का चक्कर काट रहा है, मगर उसे भी प्रकरण की अपडेट स्थिति से कोई अवगत कराने वाला नही बता रहा है। सारा क्लेम रुके हुए है।

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