New Delhi (IMNB). विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के उपलक्ष्य में लाइफ पर अनेक गतिविधियों का आयोजन किया गया।
1. प्राकृतिक इतिहास का राष्ट्रीय संग्रहालय
आरएमएनएच मैसूर 12 से 16 वर्ष की आयु के स्कूली छात्रों के लिए 15 मई से 20 मई 2023 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। एसवीपी के दौरान छात्रों के लिए विभिन्न गतिविधियां जैसे कि गैलरी का दौरा और कैंपस ट्रेलिंग, बर्ड वाचिंग सत्र, बांदीपुर टाइगर रिजर्व की यात्रा, लाइफ पर स्किट, कागज को मोड़कर चिडि़या आदि बनाने की जापानी कला (ओरिगेमी), प्रयोगशाला कार्यों, मास्क बनाने आदि का आयोजन किया जाएगा।
2. भारतीय प्राणी सर्वेक्षण
कोलकाता स्थित भारतीय प्राणी सर्वेक्षण की निदेशक डॉ धृति बनर्जी के मार्गदर्शन में जेडएसआई सुंदरबन के कुलतली गांव में विभिन्न आयु समूहों के लगभग 100 लोगों तक पहुंचा। बच्चों के लिए कुलतली गांव में बैठो और चित्र बनाओ का आयोजन किया गया। पर्यावरण को बचाने की शपथ लेने के लिए अनेक युवा आगे आए। एक अन्य कार्यक्रम में मिशन लाइफ़ के तहत विभिन्न मुद्दों पर गाँव की महिलाओं को जागरूक किया गया और उन्होंने अपने बच्चों के लाभ और भविष्य के लिए धरती माँ को प्रदूषण मुक्त रखने का वादा किया। कार्यक्रम का संचालक श्री अमिताभ रॉय और टीम जेडएसआई ने किया।
कोलकाता में रिक्रिएशन क्लब, जेडएसआई के 10 कार्यकारी सदस्यों ने आज मिशन लाइफ प्रतिज्ञा ली और एक अन्य कार्यक्रम में एफपीएस बिल्डिंग, जेडएसआई, कोलकाता के 50 वैज्ञानिकों, कर्मचारियों और शोधकर्ताओं ने प्रतिज्ञा ली।
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, जबलपुर, मध्य प्रदेश ने दुकानदारों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए जूस की दुकान, इच्छाधारी लस्सी, रसेल चौक, जबलपुर में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कम करने के विषय पर मिशन लाइफ जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया। इसके माध्यम से वे 100 दुकानदारों और स्थानीय लोगों तक पहुंचे।
एक अन्य कार्यक्रम में स्टेमफील्ड इंटरनेशनल स्कूल, जबलपुर में लगभग 15 एनसीसी छात्रों ने शपथ ली और जबलपुर क्रिकेट अकादमी के 50 छात्रों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। रानीताल स्टेडियम, जबलपुर में उन्हें प्लास्टिक प्रदूषण, स्वस्थ जीवन शैली जैसे मिशन लाइफ जैसे विषयों के बारे में जागरूक किया गया।
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, जबलपुर, मध्य प्रदेश ने आम लोगों, राजकीय विज्ञान महाविद्यालय के छात्रों और संकाय, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के बैंक कर्मचारियों, कलेक्टर कार्यालय के कर्मचारियों, विजयनगर पुलिस स्टेशन, जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के पुलिसकर्मियों को एकजुट किया। कुल 200 लोगों तक पहुंचे। जनसमूह को एकत्र करने में डॉ. संदीप कुशवाहा और जेडएसआई टीम ने प्रमुख भूमिका निभाई।
3. दीर्घकालिक तटीय प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय केन्द्र (एनसीएससीएम)
मिशन लाइफ़ का उद्देश्य तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में एक तटीय तालुक, मरक्कनम के नमक पैन श्रमिकों को समझाना था। मरक्कनम का यह प्राचीन बंदरगाह शहर, चेन्नई से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां राजमार्ग पर कतार में साल्ट पैन के विस्तृत मनोरम क्षेत्र देखने को मिलते हैं। मरक्कनम साल्ट पैन 4,000 एकड़ क्षेत्र में फैले हुए हैं और तमिलनाडु में नमक के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। ये साल्ट पैन हर साल जनवरी में शुरू होने वाले पीक सीजन के दौरान रोजाना लगभग 1,000 श्रमिकों को आजीविका प्रदान करते हैं। इस जागरूकता कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, एनसीएससीएम के कर्मचारियों ने लगभग 25 साल्ट पैन मालिकों और 75 श्रमिकों को मिशन लाइफ की विषय वस्तु के प्रति जागरूक किया और पानी और ऊर्जा संरक्षण, स्वच्छ नमक उत्पादन और प्रसंस्करण, बढ़ते हेलोफाइट्स, जैव विविधता संरक्षण और सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के महत्व पर जोर दिया। प्रतिभागियों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर भी अपने विचार व्यक्त किए, जो वर्तमान में नमक निकालने की प्रक्रिया के दौरान अप्रत्याशित तेजी से नमक निकालने के उनके जलवायु-निर्भर कार्य को प्रभावित कर रहे हैं। साल्ट पैन के मालिकों और श्रमिकों ने पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली के महत्व को महसूस करने के बाद हरित प्रतिज्ञा ली और जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण पर एक हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस कार्यक्रम ने साल्ट पैन श्रमिकों को उनके पर्यावरण, आवास और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की आवश्यकता के बारे में सरल तरीके से प्रशिक्षित किया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत साल्ट पैन के बारे में प्लेकार्ड और पैम्फलेट प्रदर्शित किए गए।
4. राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान
राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान (एनआईएचई) के हिमाचल क्षेत्रीय केन्द्र ने मिशन लाइफ और जीवन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के तहत एक जागरूकता और कार्य अभियान चलाया। सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने की विषय वस्तु पर जोर देते हुए संकायों, शोध विद्वानों और सहायक संस्थान के कर्मचारियों ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में कुल 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और पर्यावरण के अनुकूल आदतों को अपनाने के लिए लाइफ प्रतिज्ञा ली। ‘से नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक’ और स्वच्छता अभियान विषय पर एक रैली भी आयोजित की गई।
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