स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत आयकर परिसर में संगोष्ठी आयोजित

रायगढ़। आयकर कार्यालय रायगढ़ में शुक्रवार प्रातः 10:00 बजे कार्यालय एवं आवासीय परिसर में आयकर विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा साफ सफाई कर स्वच्छता ही सेवा अभियान का आगाज़ किया गया। स्वच्छता अभियान के पश्चात कार्यालय प्रांगण में एकल प्लास्टिक समस्या एवं निदान विषय पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर सुषमा पटेल प्राध्यापक वनस्पति शास्त्र,   शासकीय किरोड़ीमल कला एवं विज्ञान महाविद्यालय एवं जिला समन्वयक रेड क्रॉस सोसाइटी रायगढ़ ,श्रीमती राजश्री अग्रवाल अधिवक्ता एवं सदस्य जिला उपभोक्ता फोरम रायगढ़ तथा आयकर सलाहकार संघ रायगढ़ के अध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल की गरिमामयी उपस्थित रही। सर्वप्रथम अतिथियों को पौधा देकर स्वागत अभिनंदन के पश्चात आयकर अधिकारी सुजीत विश्वास ने स्वागत सम्बोधन के साथ  कहा कि एकल प्लास्टिक उपयोग की समस्या धीरे-धीरे विकराल रूप लेती जा रही है सही समय पर इसका निदान होने से ही पर्यावरण की सुरक्षा हो सकती है। उन्होंने आयकर विभाग द्वारा पर्यावरण सुरक्षा के लिए चलाये  जा रहे स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार व्यक्त किये। मुख्य वक्ता के रूप में  डॉ सुषमा पटेल ने संगोष्ठी में इस विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि प्लास्टिक क्या है एवं यह किस प्रकार से पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है इस एकल प्लास्टिक के उपयोग से समुद्र जीव जंतु धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे हैं एवं प्लास्टिक कचरे के भंडारण से भूमि बंजर होती जा रही है इससे  भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है  यदि प्लास्टिक कचरे को जलाया जाता है तो हानिकारक गैस उत्पन्न होती हैं जो की मानव के स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी बहुत ही घातक है उन्होंने बताया कि 100 से अधिक देशों में यह प्लास्टिक प्रतिबंधित है और 27 देशों में धीरे धीरे इसका उपयोग काम किया जा रहा है। भारतवर्ष में भी शासन द्वारा 1 जुलाई 2022 से इसके उत्पादन विक्रय  उपयोग और वितरण पर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने इस संदर्भ में शासन द्वारा लगाए गए कई नियम एवं प्रतिबंधों की जानकारी देते हुए बताया कि हम स्वयं दृढ़ संकल्प लें कि हम एकल प्लास्टिक या प्लास्टिक के उपयोग को कम करेंगे साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी इसके हानिकारक प्रभाव से अवगत कराते हुए इससे बचने के लिए प्रेरित करेंगे और अपने पर्यावरण की रक्षा करेंगे। हमें प्लास्टिक के वैकल्पिक साधन जैसे लकड़ी के चम्मच ,मिट्टी के बर्तन, कपड़े एवं जूट तथा कागज के थैले इत्यादि चीजों का उपयोग ज्यादातर करते हुए धीरे-धीरे प्लास्टिक  को खत्म करना होगा । आयकर सलाहकार संघ रायगढ़ के सचिव  हीरा मोटवानी ने संगोष्ठी में अपने विचार रखते हुए बताया कि एकल प्लास्टिक का उपयोग  पर्यावरण के लिए घातक है। इसका पुनर्चक्रण ना हो पाने के कारण यह पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन को बिगाड़ देता है । उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे जमीन पर प्लास्टिक कचरे का भंडार बढ़ता जा रहा है जिसे नष्ट कर पाना और पूरी तरह से  पुनः चक्रण न कर पाना एक गंभीर समस्या है। इस प्लास्टिक से कई जानवर गंभीर रूप से बीमार पड़कर धीरे-धीरे मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। पर्याप्त चारा के अभाव में खाद्य पदार्थों से सनी हुई  प्लास्टिक का सेवन इन मवेशियों के साथ उसका दूध उपयोग करने वाले मनुष्यों के लिए भी घातक है। हमें फैशन को ना देखते हुए पारंपरिक रूप से जूट या कपड़े के थैली का उपयोग करना चाहिए। जिला उपभोक्ता फोरम की महिला सदस्य एवं अधिवक्ता श्रीमती राजश्री अग्रवाल ने संगोष्ठी में अपने विचार रखते हुए बताया कि प्लास्टिक का उपयोग जानवरों के साथ-साथ मनुष्यों के लिए भी घातक है क्योंकि ज्यादातर प्लास्टिक में गर्म भोज्य पदार्थ रखे जाते हैं जिससे हानिकारक रसायन उत्पन्न होते हैं और हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पँहुचाते है एवं कैंसर जैसी असाध्य बीमारियों को जन्म देते है अतः हमें एकल प्लास्टिक के उपयोग से बचते हुए परंपरागत साधनों से बने हुए वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए । संगोष्ठी के पश्चात माननीय अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया गया ।
आज के संगोष्ठी में  एवं आयकर विभाग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी गण, श्रीमती एन स्मिता आयकर निरीक्षक, जयंत भोय कार्यालय अधीक्षक, कमल नयन कर सहायक ,संतू राम यादव,  सतीश साव ,हुकुम सिंह निषाद, शंकर साहू, दिलीप एवं शासकीय किरोड़ीमल कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के छात्राओं ने भाग लिया। संगोष्ठी का संचालन आयकर निरीक्षक देवनारायण नायक द्वारा किया गया।

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