ताड़मेटला मुठभेड़ में शामिल नक्सली सहित 8 लाख के इनामी चार नक्सली का आत्मसमर्पण

🔹 नारायणपुर पुलिस द्वारा चलाये जा रहे आत्मसमर्पण नीति ‘‘ माड़ बचाओ अभियान ’’ अभियान से प्रभावित होकर बड़े कैडर के माओवादी डीव्हीसीएम अरब उर्फ कमलेश, डीवीसीएम हेमलाल सहित पूर्व बस्तर डिवीज़न के 2 माओवादियों रंजित पीपीसीएम् एवं काजल पीपीसीएम ने किया आत्मसमर्पण।

🔹 जिला नारायणपुर क्षेत्रान्तर्गत नक्सल संगठन में सक्रिय रहे इन 4 माओवादियों पर है 32 लाख से अधिक का इनाम ।

🔹 आत्मसमर्पित अरब उर्फ कमलेश (डीव्हीसीएम) माड़ डिवीजन संयुक्त मोर्चा प्रभारी तथा पूर्व नेलनार एरिया कमेटी प्रभारी एवं सचिव के पद पर था कार्यरत एवं नेलनार क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों में पिछले 8 सालों से रहा आतंक का पर्याय

🔹 आत्मसमर्पित माओवादी अरब उर्फ कमलेश, 06 अप्रैल 2010 में सुकमा ताड़मेटला घटना में 76 जवान शहीद की घटना में शामिल रहा ,आत्मसमर्पित माओवादी डीवीसीएम हेमलाल,अमदई एरिया कमिटी सचिव वर्ष 2021 के बुकिन्नतोर आईडी ब्लास्ट की घटना में शामिल था जिसमे 05 जवान शहीद हुए थे.आत्मसमर्पित माओवादी अर्जुन उर्फ़ रंजित 2018 की इरपानार एम्बुश की घटना में शामिल रहा था जिसमे 5 जवान शहीद हुए थे.

🔹 जिला नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा एवं सीमावती जिले/राज्य के 40 से अधिक बड़ी एवं छोटी नक्सल घटनाओं में ये आत्मसमर्पित माओवादी शामिल रहे ।

🔹 डीवीसीएम अरब और डीवीसीएम हेमलाल सहित शीर्ष नेतृत्व के 4 माओवादियों के आत्मसमर्पण से नेलनार एरिया कमेटी, अमदयी एरिया कमेटी एवं कंपनी 06 के माओवादियों को लगा है बड़ा झटका ।

🟪 *श्री सुन्दरराज पी. (भा.पु.से.) पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर, श्री अमित तुकाराम काम्बले (भा.पु.से.) पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज कांकेर के मार्गदर्शन, श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक नारायणपुर एवं श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) अति. पुलिस अधीक्षक नारायणपुर* के निर्देशन में नारायणपुर पुलिस द्वारा माओवादियों के विरूद्ध क्षेत्र में लगातार चलाये जा रहे नक्सल उन्मुलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सल संगठन में बड़े कैडर के 2 माओवादियों सहित कुल 4 के आत्मसमर्पण की महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। जिनमे
1. गांधी ताती उर्फ अरब उर्फ कमलेश पिता स्व. पाण्डू उम्र 35 वर्ष जाति मुरिया निवासी ग्राम कोरसागुड़ा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर (छ0ग0) माड़ डिवीजन संयुक्त मोर्चा प्रभारी तथा पूर्व नेलनार एरिया कमेटी प्रभारी एवं सचिव 08 लाख इनामी
2. मैनू उर्फ हेमलाल कोर्राम डीवीसीएम, पूर्व बस्तर डिवीजन / आमदाई एरिया कमेटी सदस्य, पिता स्व. सुक्कू कोर्राम 35 वर्ष कोषलनार पंचायत कोगेरा थाना झाराघाटी जिला नारायणपुर 08 लाख इनामी
3 . रंजीत लेकामी उर्फ अर्जुन पिता स्व. सुक्कू 30 वर्ष पूर्व बस्तर डिवीजन, कंपनी 06 पीपीसीएम प्लाटून 01 सेक्सन बी कमाण्डर ग्राम डुंगा गंगालूर जिला बीजापुर 08 लाख इनामी
4 .कोसी उर्फ काजल उर्फ कविता पति रंजीत लेकामी 28 वर्ष जाति मुरिया निवासी पंचायत डोडी तुमनारपीपीसीएम कंपनी 06 प्लाटून नंबर 02 सेक्सन ठ सदस्य कंपनी सीएनएम 08 लाख इनामी
के आत्मसमर्पण हेत प्रोत्साहित कराने में नारायणपुर पुलिस एव डीआरजी का विशेष प्रयास रहा है

🟪 आज दिनांक 15.01.2025 को 08 लाख ईनामी डीव्हीसीएम अरब उर्फ कमलेश माड़ डिवीजन के अंतर्गत माड़ डिवीजन संयुक्त मोर्चा प्रभारी एवं पूर्व नेलनार एरिया कमेटी प्रभारी एवं सचिव (डीव्हीसीएम) समेत मैनू उर्फ हेमलाल कोर्राम डीवीसीएम , रंजीत लेकामी उर्फ अर्जुन, कोसी उर्फ काजल उर्फ कविता ने श्री प्रभात कुमार पुलिस अधीक्षक नारायणपुर (भा.पु.से.), श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) अति. पुलि स अधीक्षक नारायणपुर व श्री सुशील नायक (रा.पु.से.) श्री ऐश्वर्य चन्द्राकर (रा.पु.से.) अति. पुलिस अधीक्षक ऑप्स. जिला नारायणपुर के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने पर प्रोत्साहन राशि 25 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया एवं नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाया जायेगा। इस अवसर पर पुलिस विभाग नारायणपुर के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

🟪 अरब उर्फ कमलेश और हेमलाल जैसे उच्च रैंक के माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण के पीछे माड़ और नारायणपुर जिले में चलाये जा रहे *विकास कार्य* बड़ा कारण रहा तेजी से बनती सड़कें,गावों पहुँचती सुविधाओं ने इन्हें प्रभावित किया है | सुरक्षा बलों के लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में कैंप खोलने,चलाये जा रहे आक्रामक अभियानों एवं मारे जाने से *उत्पन्न भय* ने भी इन्हें संगठन छोड़ने के लिए प्रेरित किया है । संगठन के विचारों से मोहभंग एवं मिली निराशा,संगठन के भीतर बढ़ते *आंतरिक मतभेद* तेलंगाना-आंध्र कैडर के नक्सलियों के दबाव पूर्वक कार्य कराने की नीति के चलते इन नक्सलियों को यह महसूस हुआ की वे व्यर्थ ही अपने ही लोगों को मार रहे थे। छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति ने उन्हें नई उम्मीद दी है वे जंगल की कठोर परिस्थितियों में जीवन बिताने और संगठन के भीतर शोषण तथा क्रूर व्यवहार से इतर मुख्यधारा में लौटकर सामान्य जीवन बिता सकते हैं । विगत वर्ष सुरक्षा बलों द्वारा चलाये गए आक्रामक नक्सल विरोधी अभियान ने जहाँ शीर्ष नेतृत्व को झिंझोड़कर रख दिया है वहीं अपनी नाकामियों का ठीकरा उन्होंने बीच के व निचले कैडर पर फोड़ दिया है | चारों माओवादियों ने सरेंडर के दौरान बातचीत में यह भी बताया कि नक्सल संगठन के कई सदस्य भी वर्तमान में आत्मसमर्पण करना चाह रहे किन्तु शीर्ष कैडर के दबाव के चलते वे अपनी मुख्य धारा से संपर्क नहीं कर पा रहे|

🟪 अंदरूनी क्षेत्र में लगातार पुलिस कैम्प खुलने एवं आक्रामक नक्सल विरोधी अभियान संचालित होने से पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है और नक्सलियों के खोखले विचारधारा व क्रूर व्यवहार,आंतरिक मतभेद से बाहर निकलकर समाज के मुख्य धारा जुड़ने के लिए प्रेरित हो रहे है जो कि माड़ डिवीजन के अंतर्गत माड़ डिवीजन संयुक्त मोर्चा प्रभारी एवं पूर्व नेलनार एरिया कमेटी प्रभारी एवं सचिव (डीव्हीसीएम) अरब उर्फ कमलेश का आत्मसमर्पण इसी का परिणाम है जो वर्ष 2006 से अब तक नक्सल संगठन में जुड़कर कार्य कर रहे थे। आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण करने की गोपनीय आसूचना है। आत्मसमर्पण कराने में नारायणपुर पुलिस का विशेष योगदान है। शीर्ष माओवादी अरब उर्फ कमलेश के आत्मसमर्पण करने से माओवादियों कैडर के लिए बड़ा नुकसान हुआ है।

🟪 नारायणपुर एसपी श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) द्वारा नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व के दबाव में आकर नक्सली संगठन से जुड़े ग्राम स्तर/पंचायत स्तर/ एरिया स्तर के बड़े व छोटे कैडरों से अपील किया गया कि वे भय मुक्त होकर आत्मसमर्पण कर शासन की पुर्नवास योजना का लाभ लेवें अन्यथा उन्हें बख्शा नहीं जाएगा | शासन की पुनर्वास नीति के फायदे घर,नौकरी ने इन्हें आकर्षित किया है| इन्होने आत्मसमर्पण माड़ एवं खुद की भलाई के लिए किया है, उन्होंने अनुभव किया कि केवल शीर्ष नेतृत्व के दबाव में आकर उन्होंने माड़ के लोगों को प्रताड़ित किया और लोग उनका साथ छोड़ते चले गए | जहाँ नक्सलियों का शीर्ष नेतृत्व भी अब उनकी विचारधारा के साथ नहीं बल्कि खिलाफ है| यह द्वन्द सालों से इनके भीतर रहा है लेकिन “ *माड़ बचाओ अभियान* ” उन्हें अब एक नई आस दी है | माओवाद की विचारधारा में भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते हैं | हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है, समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों सौंप देने का है जहाँ वे स्वछन्द रूप से अपना नैसर्गिक जीवन सके |

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

🟪 आत्मसमर्पित का नाम/पता

*(1 ) गांधी ताती उर्फ अरब* उर्फ कमलेश पिता स्व. पाण्डू उम्र 35 वर्ष जाति मुरिया निवासी ग्राम कोरसागुड़ा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर (छ0ग0)।

🟪 नक्सल संगठन में अंतिम धारित हथियार- एस.एलआर।

🟪 नक्सल संगठन में कार्य अवधि का संक्षिप्त विवरण

🔹 16 फरवरी 2006 को नक्स्ली संगठन के बासागुड़ा दलम में कैंडीडेट सदस्य के रूप में माओवादी पापाराव (तत्कालीन एसीएम) के द्वारा नक्सल संगठन में भर्ती किया गया।
🔹 नक्सल संगठन में जून 2007 से पार्टी सदस्य बनने के साथ डिवीजन प्रेस टीम में शामिल होकर पितुरी पत्रिका के प्रकाशन का काम किया।
🔹 नवम्बर वर्ष 2009 से पीपीसीएम का पद मिला और डिवीजन प्रेस टीम (डिवीजन स्पेशल दलम) का दिसम्बर 2010 तक कमाण्डर रहा।
🔹 जनवरी 2011 से जगरगुण्डा एरिया कमेटी में ट्रांसफर हुआ और जगरगुण्डा एरिया कमेटी मिलिट्री इंटेलीजेंश का दिसम्बर 2014 तक प्रभारी रहा।
🔹 जनवरी 2015 को डीके प्रेस 29 प्लाटून कमाण्डर तथा प्रभात पत्रिका सम्पादक मंडल सदस्य के रूप में कार्य के दौरान सितम्बर 2016 में डीव्हीसीएम का पद दिया गया और दिसम्बर 2016 तक कार्य किया।
🔹 जनवरी 2017 में माड़ डिवीजन में ट्रांसफर हुआ और नेलनार एरिया कमेटी के प्रभारी एवं सचिव के पद पर 2017 से दिसम्बर 2023 तक कार्य किया।
🔹 जनवरी 2024 से अब तक माड़ डिवीजन संयुक्त मोर्चा प्रभारी के रूप में कार्य कर रहा था।

🟪 घटित नक्सली घटनाएंः-

आत्मसमर्पित डीव्हीसीएम अरब उर्फ कमलेश जो कि वर्ष 2006 से वर्ष 2025 के मध्य 20 से अधिक नक्सल घटनाओं मे शामिल रहा है।

🟪 प्रमुख नक्सल घटनाएं जिसमें शामिल रहा:-

🔹 वर्ष 2006 में थाना बासगुड़ा जिला बीजापुर के बासागुड़ा कैम्प अटैक में शामिल रहा जिसमें 02 जवान शहीद हुए और 03 हथियार लूटे गये थे।
🔹 06 अप्रैल 2010 में ताड़मेटला (मुकरम) में मुठभेड़ की घटना में शामिल, जिसमें 76 जवान पुलिस जवान शहीद हुए थे।
🔹 वर्ष 2017 में जिला नारायणपुर थाना धनोरा क्षेत्रान्तर्गत टेकानार एम्बुश में शामिल जिसमें 01 माओवादी घायल हुआ था।
🔹 वर्ष 2017 में जिला नारायणपुर थाना कुकड़ाझोर क्षेत्रान्तर्गत उलिसपारा नेलनार घटना में शामिल रहा जिसमें 05 माओवादी मारे गये थे एवं स्वयं अरब घायल हुआ था।
🔹 15 जून 2024 में जिला नारायणपुर थाना कोहकामेटा ग्राम कोड़तामरका क्षेत्रान्तर्गत मुठभेड़ की घटना में शामिल थे जिसमें 08 माओवादी मारे गये थे।
🔹 06 सितम्बर 2024 को जिला नारायणपुर थाना धनोरा क्षेत्रान्तर्गत बोगदेव के जंगल में हुए मुठभेड़ की घटना में शामिल था

🟪 नक्सली के विरुद्ध घोषित ईनाम :-

🔹 वर्ष 2022 में कार्यालय पुलिस अधीक्षक नारायणपुर की ओर से 10000 रूपये का इनाम घोषित

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

🟪 आत्मसमर्पित का नाम/पता

*(2) अर्जुन उर्फ रंजीत* पिता सुक्कु लेकामी उम्र 30 वर्ष जाति मुरिया ग्राम डुंगा थाना बंगापाल नेलसनार जिला बीजापुर (छ.ग.)

🟪 नक्सल संगठन में अंतिम धारित हथियार- इंसास एलएमजी

🟪 नक्सल संगठन में कार्य अवधि का संक्षिप्त विवरण

🔹 2006 को नक्सली संगठन के सरिता पुनेम एरिया कमेटी सदस्य के माध्यम से नक्सल संगठन में भर्ती किया गया। वर्ष 2006 से 2010 तक संगठन का पार्टी सदस्य रहा।
🔹 नक्सल संगठन में 2010 से 2014 तक प्लाटून नम्बर 01 में सेक्सन डिप्टी कमाण्ड के रूप में कार्यरत था।
🔹 वर्ष 2014 से 2016 तक कंदमल नयागढ़ में स्पेशल दलम का कार्यभार देख रहा था।
🔹 वर्ष 2016 में उड़िसा स्पेशल दलम डिप्टी कमाण्डर के पद पर कार्यरत था।
🔹 वर्ष 2017 से माड़ इन्द्रावती एसीएम के पद पर कार्यरत था।
🔹 वर्ष 2018 से 2019 कम्पनी नम्बर 06 पीपीसीएम के पद पर कार्यरत था।
🔹 वर्ष 2020 से अब तक कम्पनी नम्बर 06 सेक्शन 02 केे कमाण्डर पीपीसीएम के रूप कार्यरत था।

🟪 घटित नक्सली घटनाएंः-

आत्मसमर्पित पीपीसीएम रंजीत उर्फ अर्जुन जो कि वर्ष 2006 से वर्ष 2025 के मध्य 19 से अधिक नक्सल घटनाओं मे शामिल रहा है।

प्रमुख नक्सल घटनाएं जिसमें शामिल रहा:-

🔹 वर्ष 2022 में ओरछा थाना क्षेत्रान्तर्गत ग्राम मुगाड़ी के जंगल पहाड़ ब्लास्ट की घटना में शामिल रहा जिसमें प्र.आर. सालिक राम शहीद हुआ।
🔹 वर्ष 2021 में छोटेडोंगर थाना क्षेत्रान्तर्गत अमदईघाटी टेकरी के मुठभेड़ की घटना में शामिल रहा जिसमें आईटीबीपी के एक आरक्षक शिवनारायण मीणा शहीद हुआ।
🔹 वर्ष 2021 में छोटेडोंगर थाना क्षेत्रान्तर्गत बाहकेर के जंगल में मुठभेड़ की घटना में शामिल रहा जिसमें एक नक्सली मारा गया था।
🔹 वर्ष 2016 में छोटेडोंगर थाना क्षेत्रान्तर्गत कोड़नार-मढ़ोनार के जंगल में मुठभेड़ की घटना में शामिल रहा ।
🔹 थाना बारसूर के अन्तर्गत 06 अपराध एवं मालेवाही क्षेत्र अन्तर्गत 06 अपराध में शामिल रहा है।
🔹 वर्ष 2024 में थाना ओरछा जिला नारायणपुर क्षेत्रान्तर्गत नेंदूर-थुलथुली के जंगल पहाड़ में मुठभेड़ की घटना में शामिल रही जिसमें 38 माओवादी मारे गये थे।

🟪 आत्मसमर्पित का नाम/पता

( *3) मैनू कोर्राम उर्फ हेमलाल कोर्राम* पिता सुक्कु कोर्राम उम्र 35 वर्ष जाति गोंड़ ग्राम कोंगेरा कौसलनार जिला नारायणपुर(छ.ग.)

🟪 नक्सल संगठन में अंतिम धारित हथियार- एस.एल.आर.

🟪 नक्सल संगठन में कार्य अवधि का संक्षिप्त विवरण

🔹 2007 को नक्सली संगठन के नक्सली कमाण्डर नीति उर्फ उर्मिला के माध्यम से नक्सल संगठन में भर्ती किया गया। वर्ष 2006 से 2008 तक संगठन पंचायत मिलिशिया सदस्य रहा।
🔹 नक्सल संगठन में 2009 से 2012 तक बयानार एल.जी.एस. पार्टी सदस्य के रूप में कार्यरत था।
🔹 वर्ष 2012 में भानपुरी एलओएस के रूप कार्यरत था।
वर्ष 2013 से 2017 तक अमदई एलओएस डिप्टी कमाण्डर के रूप में कार्यरत था।
🔹 वर्ष 2017 से 2020 तक अमदई एरिया कमेटी सचिव के रूप में कार्यरत था।
🔹 वर्ष 2020 से अब तक डीवीसीएम के रूप अमदई एरिया कमेटी सचिव एवं इन्चार्ज के रूप में कार्यरत था।
🟪 घटित नक्सली घटनाएंः-

आत्मसमर्पित डीवीसीएम मैनू उर्फ हेमलाल जो कि वर्ष 2007 से वर्ष 2025 के मध्य 12 से अधिक नक्सल घटनाओं मे शामिल रहा है।

🟪 प्रमुख नक्सल घटनाएं जिसमें शामिल रहा:-

🔹 वर्ष 2008 जिला नारायणपुर आकाबेड़ा क्षेत्र में मुठभेड़ की घटना में शामिल रहा जिसमें 01 जवान आर. विष्णु मण्डावी घायल हुए थे। में उड़िसा स्पेशल दलम डिप्टी कमाण्डर के पद पर कार्यरत था।
🔹 वर्ष 2016 में थाना छोटेडोंगर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बेचा जंगल के पास मुठभेड़ की घटना में शामिल रहा जिसमें 01 जवान महेन्द्र सिंह ध्रुव घायल एवं 05 नक्सली मारे गये थे।
🔹 वर्ष 2018 थाना बेनूर क्षेत्रान्तर्गत तुरठा में प्रार्थी के मकान से लूटपाट की घटना में शामिल रहा।
🔹 वर्ष 2020 से थाना छोटेडोंगर हिल्स मुठभेड़ की घटना मे शामिल रहा।
🔹 वर्ष 2021 से थाना छोटेडोंगर केड़ेनार टेकरी बेचा मोड़ मुठभेड़ की घटना मे शामिल रहा। जिसमें 02 जवान सहायक सेनानी शिंदे सुधाकर एवं सउनि गुरूमुख सिंह शहीद हो गये थे।
🔹 वर्ष 2022 में थाना ओरछा जिला नारायणपुर क्षेत्रान्तर्गत मुगाड़ी के जंगल में मुठभेड़ की घटना में शामिल रही जिसमें 01 प्रधान आरक्षक सालिक राम शहीद हुए।
🔹 वर्ष 2024 में थाना ओरछा जिला नारायणपुर क्षेत्रान्तर्गत गोबल-भटबेड़ा के जंगल में मुठभेड़ की घटना में शामिल रही जिसमें 07 माओवादी मारे गये थे।
🔹 वर्ष 2024 में थाना ओरछा जिला नारायणपुर क्षेत्रान्तर्गत नेंदूर-थुलथुली के जंगल पहाड़ में मुठभेड़ की घटना में शामिल रही जिसमें 36 माओवादी मारे गये थे।
🔹 वर्ष 2024 में गोबेल पुलिस नक्सली मुठभेड में रहा शामिल जिसमे 06 नक्सली मारे गये थे एवं 3 जवान घायल हुए थे।

🟪 आत्मसमर्पित का नाम/पता

( *4) कोसी उर्फ काजल उर्फ कविता* पति अर्जुन उर्फ रंजीत लेकामी उम्र 30 जाति मुरिया निवासी डोडीतुमनार डुंगा थाना गंगालुर जिला बीजापुर(छ.ग.)

🟪 नक्सल संगठन में अंतिम धारित हथियार- इंसास।

🟪 नक्सल संगठन में कार्य अवधि का संक्षिप्त विवरण

🔹 2004 को नक्सली संगठन के डोडीतुमनार पंचायत सीएनएम (चेतना नाट्य मंच) में भर्ती किया गया। वर्ष 2004 से 2006 तक रही ।
🔹 नक्सल संगठन में 2006 से 2014 तक कम्पनी 07 में सीसी प्रोटेक्शन के पद में कार्यरत थी।
🔹 वर्ष 2014 से 2016 तक उड़िया में भौगोलिक परिस्थितियों का आंकलन टीम में रही।
🔹 वर्ष 2016 से 2017 तक इंद्रावती एरिया कमेटी में दीपक और मधु के साथ काम करती रही।
🔹 वर्ष 2017 से अब तक पीपीसीएम कम्पनी नम्बर 06 में में कार्यरत थी।

🟪 घटित नक्सली घटनाएंः-

आत्मसमर्पित कम्पनी नम्बर -6 पीपीसीएम प्लाटून 06 कोसी उर्फ काजल पति अर्जुन उर्फ रंजीत उम्र 30 वर्ष जाति मुरिया ग्राम डोडीतुमनार डुंगा थाना गंगालूर जिला बीजापुर (छ.ग.) जो कि वर्ष 2004 से वर्ष 2025 के मध्य 03 से अधिक नक्सल घटनाओं मे शामिल रही है।

🟪 प्रमुख नक्सल घटनाएं जिसमें शामिल रहा:-

🔹 वर्ष 2022 में थाना ओरछा जिला नारायणपुर क्षेत्रान्तर्गत मुंगाड़ी के जंगल में मुठभेड़ की घटना में शामिल रही जिसमें 01 प्रधान आरक्षक सालिक राम शहीद हुए।
🔹 वर्ष 2024 में थाना ओरछा जिला नारायणपुर क्षेत्रान्तर्गत गोबल-भटबेड़ा के जंगल में मुठभेड़ की घटना में शामिल रही जिसमें 07 माओवादी मारे गये थे।
🔹 वर्ष 2024 में थाना ओरछा जिला नारायणपुर क्षेत्रान्तर्गत नेंदूर-थुलथुली के जंगल पहाड़ में मुठभेड़ की घटना में शामिल रही जिसमें 38 माओवादी मारे गये थे।

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