आर्थिक सर्वेक्षण : विकास के दावे खोखले ; बेरोजगारी, असमानता और कर्जदारी बढ़ी — किसान सभा
अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कहा है कि कल छत्तीसगढ़ विधानसभा में वर्ष 2022-23 का जो आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया है, उन आंकड़ों के आधार पर ही यह कहा जा सकता है कि विकास के दावे खोखले है और वास्तविकता यह है कि प्रदेश में बेरोजगारी, आर्थिक असमानता और कर्जदारी बढ़ी है, जो प्रदेश की आम जनता की सेहत के लिए खतरनाक संकेत है।
आज यहां जारी बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि सरकारी आंकड़ों के ही अनुसार प्रदेश की 73% आबादी गरीबी सीमा रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है। ऐसी हालत में जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय के बढ़ने का स्पष्ट अर्थ है कि आय की असमानता बढ़ी है और गरीब तो आय में औसतन 11% की वृद्धि से वंचित ही है। हकीकत यही है कि योजनकर्मियों सहित असंगठित क्षेत्र के मजदूर न्यूनतम मजदूरी से भी वंचित है, जो आर्थिक असमानता में वृद्धि का...