(28 फरवरी जन्मदिन पर विशेष) सहजानन्द सरस्वती : एक स्वामी, जिन्होंने किसान आंदोलन की दिशा-दशा बदल दी
*(आलेख : बादल सरोज)*
इतिहास के सबसे विराट किसान आंदोलन ने इन दिनों पूरे देश को झंकृत करके रखा हुआ है। यह किसानों के अद्भुत जागरण और असाधारण जिजीविषा के उभार का समय है ; यह समय एक असामान्य सामाजिक मंथन का समय है, जिसने भारत के नागरिकों को सब कुछ नए तरीके से देखने और समझने और अपनी भूमिका तय करने का विरला अवसर मुहैया कराया है।
मौजूदा किसान आंदोलन भविष्य के भारत की तामीर के लिए है - इसलिए और भी जरूरी हो जाता है कि एक बार किसान आंदोलन के इतिहास को री-विजिट किया जाए, नींवों की देखभाल करते हुए उन पुरखों को याद किया जाए, जिन्होंने इस देश में किसान आंदोलन की बुनियाद रखी, उन्हें संगठित करने में अपनी देह की अस्थियों से वज्र बनाकर उसे बदलाव के औजार थमाये। स्वामी सहजानन्द सरस्वती इनमे से एक हैं -- एक ऐसे स्वामी, जिन्होंने किसान आंदोलन की दिशा और दशा दोनों ही बदल दी। एक ऐसा नजरिया दिया, जो आज ...