Tuesday, March 28
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कोरबा

शहीद दिवस पर संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया किसान सभा और भू विस्थापितों के संघ ने, 5 अप्रैल को दिल्ली में मजदूर-किसान संघर्ष रैली को सफल बनाने का आह्वान भी
कोरबा, खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर

शहीद दिवस पर संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया किसान सभा और भू विस्थापितों के संघ ने, 5 अप्रैल को दिल्ली में मजदूर-किसान संघर्ष रैली को सफल बनाने का आह्वान भी

कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ ने आज 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव की 92वीं शहादत दिवस को मनाया तथा उनके शोषण विहीन, वर्ग विहीन समाज के निर्माण के संघर्ष को तेज करने का संकल्प लिया। कुसमुंडा में 507 दिनों से चल रहे धरना स्थल में तीनों शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई तथा उनकी तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस वर्ष यह दिन किसान आंदोलन, विस्थापन और रोजगार से जुड़ी मांगो को केंद्र में रखकर मनाया गया। सभा में इंकलाब जिंदाबाद के नारों के साथ मोदी सरकार की किसान-मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 5 अप्रैल को दिल्ली में आयोजित मजदूर-किसान संघर्ष रैली को भी सफल बनाने की अपील की गई। शहादत दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, जय कौशिक, सुमेंद्र सिंह कंवर तथा भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के दामोदर श्याम, रेशम यादव, रघु, हरिहर आदि...
फसल मुआवजा प्रकरण : 21 को कटघोरा एसडीएम का घेराव करने की ठानी माकपा ने
कोरबा, खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर

फसल मुआवजा प्रकरण : 21 को कटघोरा एसडीएम का घेराव करने की ठानी माकपा ने

कोरबा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने एसईसीएल के बल्गी सुराकछार खदान के भू-धसान से प्रभावित किसानों को विगत तीन वर्षों का फसल क्षतिपूर्ति मुआवजा देने की मांग पर 21 मार्च को कटघोरा एसडीएम कार्यालय का घेराव करने का नोटिस जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को थमा दिया है। माकपा जिला सचिव प्रशांत झा और छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने बताया कि बलगी कोयला खदान की डि-पिल्लरिंग के कारण सुराकछार बस्ती के किसानों की सैकड़ों हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि भू-धसान के कारण पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। भूमि में दरारें इतनी गहरी है कि वह पूरी तरह तालाब, झील और खाई में तब्दील हो चुकी है। अब इस जमीन में किसान कोई भी कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं। इसके एवज में एसईसीएल हर साल किसानों को मुआवजा देता रहा है, लेकिन पिछले तीन सालों में हुए नुकसान का आंकलन कर मुआवजे के भुगतान की प्रक्रिया शुरू नहीं ...
रोजगार देने की प्रक्रिया तेज करने के आश्वाशन के बाद विस्थापितों की भूख हड़ताल खत्म, लेकिन जारी रहेगा अनिश्चितकालीन धरना
कोरबा, खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, सूरजपुर

रोजगार देने की प्रक्रिया तेज करने के आश्वाशन के बाद विस्थापितों की भूख हड़ताल खत्म, लेकिन जारी रहेगा अनिश्चितकालीन धरना

कुसमुंडा (कोरबा)। बरसों पुराने भूमि अधिग्रहणों के बदले लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण कर छोटे-बड़े सभी खातेदारों को रोजगार देने की मांग को लेकर विस्थापितों की चल रही भूख हड़ताल एसईसीएल प्रबंधन के साथ सकारात्मक वार्ता के बाद खत्म हो गई, लेकिन भूविस्थापितों ने घोषणा की है कि उनका अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा, रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और सचिव दामोदर श्याम लंबित रोजगार प्रकरणों को जल्द निपटाने की मांग को लेकर 2मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। उनके साथ सैकड़ों भूविस्थापित ग्रामीण भी लगातार तीन दिनों से धरना में शामिल हो रहे थे। इससे प्रबंधन की परेशानियां बढ़ गई थी। कल दीपका तहसीलदार और कुसमुंडा थाना प्रभारी की उपस्थिति में एसईसीएल के कुसमुंडा महाप्रबंधक संजय मिश्रा ने आंदोलनकारियों से बातचीत की, जिसमें स...
488 दिनों का धरना बदला अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में, किसान सभा ने कहा : कोल इंडिया बदले अपनी रोजगार विरोधी नीतियों को
कोरबा, खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर

488 दिनों का धरना बदला अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में, किसान सभा ने कहा : कोल इंडिया बदले अपनी रोजगार विरोधी नीतियों को

कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय के सामने पिछले 488 दिनों से दिया जा रहा धरना आज अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में बदल गया है। आज किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा, भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और सचिव दामोदर श्याम भूख हड़ताल में बैठे।उनके समर्थन में गेवरा, दीपका और कुसमुंडा के सैकड़ों भू विस्थापित परिवारों ने भी धरना दिया। उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा में बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण कर जमीन के बदले स्थायी रोजगार देने की मांग को लेकर किसान सभा के नेतृत्व पिछले दो वर्षों से लगातार आंदोलन किया जा रहा है। इस बीच एसईसीएल प्रबंधन ने रोजगार देने की अपनी नीति में बदलाव कर दिया है, जिसके कारण हजारों पात्र लोग रोजगार से वंचित हो गए हैं। किसान सभा के नेतृत्व में आंदोलनकारी भूविस्थापित इस ...
पुनर्वास और रोजगार की मांग : अब गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव,15 मार्च को खदान बंद की चेतावनी
कोरबा, छत्तीसगढ़ प्रदेश

पुनर्वास और रोजगार की मांग : अब गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव,15 मार्च को खदान बंद की चेतावनी

गेवरा (कोरबा)। कोरबा क्षेत्र में छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में भूविस्थापितों के आंदोलन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। एसईसीएल प्रबंधन कुसमुंडा क्षेत्र में भूविस्थापितों के 500 दिनों से चल रहे अनवरत धरना से पहले से ही परेशान है, वहीं आज किसान सभा ने सैकड़ों भूविस्थापितों के साथ गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर दिया और रोजगार, पुनर्वास और मुआवजा संबंधी मांगें पेश कर दी। इन मांगों पर कार्यवाही न होने की स्थिति में किसान सभा ने 15 मार्च को गेवरा खदान बंद करने की चेतावनी भी प्रबंधन को दी है। छग किसान सभा ने नरईबोध गांव में रोजगार और बसावट की समस्या का समाधान किये बिना खनन कार्य शुरू करने का विरोध किया है। कोरबा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि एसईसीएल द्वारा पूर्व में अधिग्रहित गेवरा क्षेत्र के घाटमुड़ा, बरेली, बिंझरा, कोसमंदा, जुनाडीह आदि गांवों के लोगों को अभी तक बुनियादी मानवीय स...
खदान प्रभावित गांव ढपढप और कसरेंगा में पेयजल संकट, किसान सभा ने दी 6 मार्च को कार्यालय घेराव की चेतावनी
कोरबा, खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर

खदान प्रभावित गांव ढपढप और कसरेंगा में पेयजल संकट, किसान सभा ने दी 6 मार्च को कार्यालय घेराव की चेतावनी

कोरबा। ढेलवाडीह कोयला खदान से प्रभावित गांव ढपढप और कसरेंगा में पेयजल संकट गहरा गया है। इसका समाधान करने के लिए छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में आज कोरबा महाप्रबंधक के नाम ढेलवाडीह सब एरिया प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा गया और दोनों गांवों में पाईप लाईन के माध्यम से घर-घर पेयजल सप्लाई सुनिश्चित करने, तालाबों में खदान का पानी भरने, बिगड़े बोरवेल पंपों को सुधारने, खनन से कुंओं और घरों को पहुंचे नुकसान के कारण प्रभावित ग्रामीणों को मुआवजा देने तथा ढपढप सीमेंट कांक्रीट सड़क का निर्माण कराने की मांग की गई। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, सुभद्रा, बुधवारो बाई, मत कुंवर, सुनीला, मंगली बाई, शांति बाई, रामायण बाई, कृष्णा बाई, अधीना, राजमती, टिकैतिन, सुमेन्द्र सिंह कंवर, दामोदर श्याम, नरेंद्र यादव आदि शामिल थे। समाधान नहीं होने पर किसान सभा ने 6 मार्च को...
टिकैत गरजे, बादल बरसे : जल, जंगल, जमीन बचाने दिया एकजुटता का मंत्र, सरकार को चेतावनी
कोरबा, खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश

टिकैत गरजे, बादल बरसे : जल, जंगल, जमीन बचाने दिया एकजुटता का मंत्र, सरकार को चेतावनी

कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा द्वारा आयोजित 'विस्थापन पीड़ितों की संघर्ष सभा' में कल रात गंगानगर में टिकैत जमकर गरजे, बादल झूमकर बरसे। सभा में उपस्थित हजारों किसानों को उन्होंने विस्थापन के खिलाफ एकजुट संघर्ष करने का मंत्र दिया और कहा कि यदि केंद्र और राज्य की सरकारें जनता की आवाज नहीं सुनती, तो आंदोलनों की धमक से इन बहरी सरकारों को अपनी आवाज सुनाने के लिए देश की जनता तैयार है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत अपने तय समय से चार घंटे देरी से इस सभा में पहुंचे, लेकिन रात 9 बजे भी उन्हें सुनने हजारों किसान जमा थे। स्वागत-सत्कार की संक्षिप्त औपचारिकता के बाद उन्होंने सीधे माइक थाम लिया। अपने आधे घंटे के संबोधन में उन्होंने इस इंतज़ार के लिए उपस्थित लोगों का आभार जताया और कहा कि यह भूमि-विस्थापन के खिलाफ आम जनता के लड़ाकूपन का प्रतीक है और इस लड़ाई में वे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, उन...
टिकैत की सभा सफल बनाने किसान सभा ने कसी कमर : कई संगठनों का मिला साथ
कोरबा, खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश

टिकैत की सभा सफल बनाने किसान सभा ने कसी कमर : कई संगठनों का मिला साथ

कोरबा। 13 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत की सभा को सफल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ किसान सभा का प्रचार अभियान जोरों से चल रहा है। किसान सभा द्वारा आयोजित इस सभा को भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ और आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच से संबद्ध आदिवासी एकता महासभा का भी साथ मिल गया है। किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव बादल सरोज, भूमि अधिकार आंदोलन से संबद्ध छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला के साथ आदिवासी एकता महासभा के राज्य सचिव बाल सिंह, किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष संजय पराते व सचिव ऋषि गुप्ता भी संबोधित करेंगे। हसदेव-सरगुजा क्षेत्र के किसानों के महासम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद टिकैत यहां गंगानगर में आयोजित सभा को शाम 5 बजे संबोधित करेंगे। उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में एसईसीएल का क्षेत्र भू-विस्थापितों के आंदोलन का गढ़ बन चुका है और पिछले दो सालों में छत्तीसगढ़ किसान ...
एसईसीएल ने जल आपूर्ति बंद की, माकपा ने दी 24 को चक्का जाम की चेतावनी, कहा : खरीदकर नहीं पीएंगे ग्रामीण पानी
कोरबा, खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश

एसईसीएल ने जल आपूर्ति बंद की, माकपा ने दी 24 को चक्का जाम की चेतावनी, कहा : खरीदकर नहीं पीएंगे ग्रामीण पानी

कोरबा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बांकी कोयला खदान बंद होने के बाद खनन प्रभावित मड़वाढोढ़ा, पुरैना और बांकी गांव की बस्तियों में पेयजल आपूर्ति बंद किये जाने की कड़ी निंदा की है और पूर्व की तरह पाइप लाइन और बोरवेल के माध्यम से जल आपूर्ति जारी रखने की मांग की है। इस संबंध में कोरबा महाप्रबंधक को दिए गए एक ज्ञापन में माकपा ने 24 फरवरी को कोयला परिवहन रोकने की चेतावनी दी है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर, माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर, श्रवण कुमार, हीरा सिंह, जगदीश कंवर, लक्ष्मीराम बघेल, सी आर चौहान, अजित कंवर आदि शामिल थे। उल्लेखनीय है कि खनन प्रभावित गांवों में जल आपूर्ति की जिम्मेदारी एसईसीएल की है। जब खनन कार्य चल रहा था, तब एसईसीएल के पानी से बारहों महीने इन गांवों के तालाब भरे रहते थे और किसान दोहरी फसल के साथ सब्जी उ...
काला दिवस : गांव-गांव में जले बजट के पुतले, किसान सभा ने कहा — बजट कॉरपोरेटों का, अंगूठा मोदी का
कोरबा, खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश

काला दिवस : गांव-गांव में जले बजट के पुतले, किसान सभा ने कहा — बजट कॉरपोरेटों का, अंगूठा मोदी का

कोरबा। अखिल भारतीय किसान सभा और खेत मजदूर यूनियन के देशव्यापी आह्वान पर कोरबा में छत्तीसगढ़ किसान सभा ने जन विरोधी केंद्रीय बजट के खिलाफ गंगानगर, मड़वाढोढा,पुरैना समेत कई गांवों में प्रदर्शन और पुतला दहन करते हुए 'काला दिवस' मनाया। छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और जिला सचिव प्रशांत झा विरोध प्रदर्शनों के इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हुए कहा कि यह बजट कॉरपोरेटों ने, कॉरपोरेटों द्वारा, कॉरपोरेटों के लिए बनाया है, जिस पर मोदी सरकार ने केवल अंगूठा लगाया है। इसीलिए इस बजट में न तो आम जनता की क्रय शक्ति को बढ़ाने का उपाय है, न सामाजिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर रोजगार सृजन की चिंता। उल्टे मनरेगा, खाद्य सब्सिडी, उर्वरक सब्सिडी, बीमा, सिंचाई, कृषि, श्रम और अन्य सभी सामाजिक क्षेत्रों में पिछले वर्ष के बजट की तुलना में इस वर्ष भारी कटौती की गई है और कॉरपोरेटों को टैक्स में छूट ही...