Sunday, September 8

Day: May 12, 2024

कोसल में विचारों की कमी है, संघ-भाजपा को हराना जरूरी है! (आलेख : जवरीमल्ल पारख, संक्षिप्तिकरण : संजय पराते)
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कोसल में विचारों की कमी है, संघ-भाजपा को हराना जरूरी है! (आलेख : जवरीमल्ल पारख, संक्षिप्तिकरण : संजय पराते)

हिंदी कवि श्रीकांत वर्मा के कविता संग्रह 'मगध' में एक कविता संकलित है, ‘कोसल में विचारों की कमी है’। इस कविता की अंतिम दो पंक्तियां हैं : कोसल अधिक दिन नहीं टिक सकता,/कोसल में विचारों की कमी है!’ यदि कोसल को हम भारत का लोकतंत्र समझें तो उस पर यह कविता पूरी तरह से लागू होती है। एक युद्ध चल रहा है, जनता और शासक के बीच, ग़ैरबराबरी का। युद्ध एकतरफ़ा है और किसे जीतना है, पहले से तय है। लेकिन कविता कहती है कि जीत के बावजूद ‘कोसल’ टिक नहीं सकता, क्योंकि हमारे लोकतंत्र में विचारों की सचमुच कमी है। हम आज उस मुक़ाम पर पहुंच गये हैं, जहां ‘कोसल’ यानी भारतीय लोकतंत्र के अधिक दिन तक टिकने की संभावना भी क्षीण होती जा रही है। हमारे लोकतंत्र का सबसे जीवंत ग्रंथ और हमारा पथ प्रदर्शक संविधान है और उसी पर सबसे अधिक कुठाराघात हो रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है? *हमारा अतीत और आज़ादी के संघर्ष का वैचारिक पक्ष* ...
हम सुखी रहें और विश्व को प्रसन्न रखें यही है विकसित भारत की संकल्पना… मुख्य अतिथि प्रो. बलदेव भाई शर्मा
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हम सुखी रहें और विश्व को प्रसन्न रखें यही है विकसित भारत की संकल्पना… मुख्य अतिथि प्रो. बलदेव भाई शर्मा

“विकसित भारत @2047: अ चैलेंजिंग रिजॉल्यूशन” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय स हम सुखी रहें और विश्व को प्रसन्न रखें यही है विकसित भारत की संकल्पना… मुख्य अतिथि प्रो. बलदेव भाई शर्मा मात्र आर्थिक ही नहीं मानवीय और सांस्कृतिक विकास है विकसित भारत की पहचान… प्रो. बलदेव भाई शर्मा रायपुर। श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी रायपुर में “विकसित भारत @2047: अ चैलेंजिंग रिजॉल्यूशन” विषय पर समाज विज्ञान (सोशल साइंस) संकाय द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार की बहु-उद्देश्यभावी योजना 'विकसित भारत@2047' विषय पर देश के सभी नागरिकों, शोधार्थियों और शिक्षाविदों को सहयोगी बना कर सभी स्तरों पर एक सफल विमर्श करना है। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश के सभी शोधार्थीयों , विद्यार्थीयों , शिक्षाविदयों का कुल पंजीयन ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से 250 से अधिक रह...
छत्तीसगढ़ के स्कूलों में समर कैंप का आयोजन किया जाएगा
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छत्तीसगढ़ के स्कूलों में समर कैंप का आयोजन किया जाएगा

*समर कैंप में रचनात्मक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा* रायपुर । छत्तीसगढ़ में शिक्षा मंत्री निर्देश पर स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश में विद्यार्थियों हेतु समर कैंप का आयोजन होने जा रहा है। जिसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कार्य योजना बनानी शुरू कर दी है जिसके तहत सभी स्कूलों को समर कैंप आयोजन के संबंध में गतिविधियां संचालित करने और संबंधित जानकारी विभाग को देने के लिए कहा है। राज्य में 15 जून, 2024 तक विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रभावी है। इस दौरान छात्र-छात्राओं को रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न कर उनमें बहुमुखी कौशल का विकास किया जा सकता है। रचनात्मक गतिविधियों में छात्र-छात्राओं के पालक एवं उनके शिक्षकों का मार्गदर्शन उपयोगी हो सकता है। छात्र-छात्राओं में परस्पर रचनात्मक गतिविधियों के आदान-प्रदान के लिए समर कैम्प आयोजित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसके तहत ...