रायपुर का संस्कृत महाविद्यालय विश्व विख्यात दर्शनिक ओशो प्राध्यापक रह चुके है
(वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट गोकुल सोनी के फेसबुक पोस्ट से) कहते हैं यह देश की पहली संस्कृत पाठशाला है। रायपुर के गोलबाजार के पास नयापारा में 4 अक्टूबर सन 1919 को इसकी स्थापना की गयी थी। यहां कई अंग्रेजों सहित देश के नामी हस्तियों और महापुरूषों ने शिक्षा ग्रहण किया है। जानकार बताते हैं पंडित रामचंद्र शर्मा जी ने संस्कृत की पढ़ाई और लोगों को पूजा पाठ की सही विधि की जानकारी देने के उदेश्य से अपनी यह जमीन दान में दी थी। इसीलिए इसे रामचंद्र संस्कृत पाठशाला का नाम दिया गया। यह तस्वीर काफी पुरानी है अब नयापारा में इस भवन की जगह व्यवसायिक काम्पलेक्स बन गया है।
संस्कृत की पढ़ाई रायपुर में दूधाधारी मठ और जैतुसाव मठ में अभी भी होती है। इन सब के अलावा रायपुर में एक संस्कृत महाविद्यालय भी है। इस महाविद्यालय में दुनिया के प्रसिद्ध दार्शनिक ओशो भी कुछ वर्ष तक प्राध्यापक रह चुके हैं।। क्या आप इस...